Dhanvantari Bhagwan Puja Vidhi – धनतेरस का पर्व दीपावली की शुरुआत का प्रतीक है और इस दिन भगवान धनवंतरी की विशेष पूजा की जाती है। भगवान धनवंतरी को आयु, स्वास्थ्य और आरोग्य का देवता माना गया है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय वे अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए धनतेरस के दिन उनकी पूजा करने से रोग, दोष और दरिद्रता दूर होती है तथा परिवार में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहता है। धनतेरस 2025 पर भगवान धनवंतरी की पूजा कैसे करें ? इस विषय पर इस लेख में चरणबद्ध विधि, पूजन सामग्री, मंत्र और आरती सहित धनवंतरी पूजा का पूर्ण विवरण दिया गया है।
भगवान धनवंतरी पूजा विधि (Dhanvantari Puja Vidhi Step by Step)
तैयारी (Preparation) – प्रातः काल स्नान करें और स्वच्छ व पारंपरिक वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। पूजा के लिए दीपक, फूल, अक्षत, चंदन, कुमकुम, धूप, मिठाई, तुलसी पत्ती और कलश तैयार रखें।
स्थापना (Deity Installation) – चौकी पर भगवान धनवंतरी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। भगवान के समक्ष एक कलश रखें – कलश में जल, आम या तुलसी के पत्ते और सुपारी डालें।
गणेश आवाहन – (Invocation of Lord Ganesha) – किसी भी शुभ कार्य से पहले की तरह गणेश जी का आह्वान करें और उन्हें फूल, अक्षत व मिठाई अर्पित करें।
अभिषेक और तिलक (Abhishek & Tilak) – भगवान धनवंतरी का स्मरण करते हुए शुद्ध जल या दूध से अभिषेक करें।इसके बाद हल्दी, कुमकुम, चंदन और चावल अर्पित करें,भगवान को फूल, अक्षत, धूप और दीप अर्पित करें। भोग के रूप में लड्डू, मक्खन, तुलसी और गाय का दूध चढ़ाएं।

मंत्र जाप (Mantra Chanting) – भगवान धनवंतरी के लिए विशेष मंत्र का 108 बार जाप करें –“ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः”
आरती और प्रसाद (Aarti & Prasad) – भगवान धनवंतरी और माता लक्ष्मी की आरती करें,अंत में सभी को प्रसाद वितरित करें और परिवार के कल्याण की प्रार्थना करें।
विशेष – (Conclusion) – धनतेरस पर भगवान धनवंतरी की पूजा करने से व्यक्ति को दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह दिन केवल खरीदारी का नहीं, बल्कि आरोग्य और आत्मिक शुद्धि का पर्व भी है। श्रद्धा और भक्ति से की गई पूजा हर तरह की नकारात्मकता को दूर करती है और जीवन में सुख, सौभाग्य व स्वास्थ्य का संचार करती है।