सनातन बोर्ड पर देवकीनंदन ठाकुर को मिला बृजभूषण शरण सिंह का साथ

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Sanatan Board: अब कथावाचक की सनातन बोर्ड की मांग का समर्थन पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने भी किया है. उन्होंने कहा कि देवकीनंदन ठाकुर की बात बिल्कुल जायज है, सबका बन रहा है तो बनने दीजिए हमें तो नहीं लगता इसमें कोई दिक्कत है।

Devkinand Thakur on Sanatan Board: वक्फ बिल पर चल रहे सियासी घमासान के बीच देशभर में अब सनातन बोर्ड की मांग शुरू हो गई है. देशभर में मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन बोर्ड की मांग करते हुए कहा कि देश में सनातन बोर्ड की सख्त जरुरत है. यदि देश में वक्फ बोर्ड रहेगा तो हमें भी सनातन बोर्ड बनाना पड़ेगा। जिस तरह से देशभर की संपत्तियों को वक्फ बोर्ड अपना बता रहा है उससे तो देश में कुछ बचेगा ही नहीं।

Brij Bhushan Sharan Singh on Sanatan Board: अब कथावाचक की सनातन बोर्ड की मांग का समर्थन पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने भी किया है. उन्होंने कहा कि देवकीनंदन ठाकुर की बात बिल्कुल जायज है, सबका बन रहा है तो बनने दीजिए हमें तो नहीं लगता इसमें कोई दिक्कत है।देवकीनंदन ठाकुर के अलावा भी कई साधु-संत सनातन बोर्ड की मांग उठा चुके हैं. देश भर में सनातन बोर्ड को लेकर लोगों के बीच बहस शुरू हो चुकी है.

देवकीनंदन ने कहा कि वक्फ बोर्ड रहेगा तो सनातन बोर्ड का निर्माण करना होगा

एमपी में एक कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों पर जवाब देते हुए कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि देश में वक्फ बोर्ड रहेगा तो सनातन बोर्ड का निर्माण भी करना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जितनी जमीन वक्फ बोर्ड ने हथिया कर रखी है, उतनी ही जमीन सनातन बोर्ड को भी देनी होगी। चेताते हुए कथावाचक ने कहा कि देश की संसद और एयरपोर्ट की जमीनें वक्फ बोर्ड की होने का दावा किया जा रहा है. हालांकि ऐसे रहे तो 10-12 सालों बाद वक्फ बोर्ड पूरे देश में अपना हक़ जताएगा। उन्होंने कहा कि सनातन बोर्ड के मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियों को जवाब देना होगा और समर्थन करना होगा।

संयुक्त संसदीय समिति में अटका है वक्फ बोर्ड 2024

केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव करने की दिशा में भी कदम उठाए, लेकिन मामला संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास अटका हुआ है. विधेयक की जाँच करने वाली समिति में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य हैं. सरकार ने संसद के बजट सत्र में विधेयक पेश किया था और आगे की जाँच के लिए इस विधेयक को जेपीसी को भेजने का निर्णय लिया गया था. केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 में संशोधन लेकर आई, जिसे वक्फ विधेयक 2024 के रूप में रखा है.

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