महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री Devendra Fadnavis ने राज्य की पिछली महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने शनिवार को दावा किया कि एमवीए शासन के दौरान अधिकारियों को उन्हें और अन्य भाजपा नेताओं को जेल भेजने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था।
उन्होंने कहा, ‘महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान झूठे मामले बनाकर मुझे गिरफ्तार करने की साजिश रची गई थी। लेकिन, यह सौभाग्य की बात है कि हम उस समय उनका पर्दाफाश करने में सफल रहे। हमने इस संबंध में सीबीआई को वीडियो सबूत भी सौंपे। आज तक हमारे पास इसके कई वीडियो सबूत हैं।
Devendra Fadnavis ने कहा, ‘एमवीए शासन के दौरान कुछ अधिकारियों को मुझे, गिरीश महाजन और प्रवीण दारेककर जैसे नेताओं को जेल में डालने का ठेका दिया गया था। कुछ अधिकारियों ने इसे लिया भी, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। ऐसा इसलिए क्योंकि उस समय कई अधिकारियों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
Devendra Fadnavis ने यह बात मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह के आरोपों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कही। उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उन पर भाजपा नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का दबाव बनाया था।
झूठे मामलों में गिरफ्तार करने की साजिश
उपमुख्यमंत्री Devendra Fadnavis ने कहा, उन्होंने कहा मैंने परमबीर सिंह और अन्य भाजपा नेताओं को गिरफ्तार करने की कोशिशों के बारे में जो कहा, वह पूरी तरह सच है। उन्होंने केवल एक घटना के बारे में बात की है। लेकिन, ऐसी 4 घटनाएं हैं, जिनमें मुझे झूठे मामलों में गिरफ्तार करने की साजिश रची गई।’ महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने हाल ही में दावा किया था कि Devendra Fadnavis ने परमबीर सिंह को गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की थी। साथ ही, सिंह से एमवीए सरकार को गिराने के लिए उन पर आरोप लगाने के लिए कहा गया था।
Devendra Fadnavis को बदनाम करने की रणनीति’
भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह Devendra Fadnavis को बदनाम करने की रणनीति है। भाजपा ने यह भी सवाल उठाया कि उस समय विपक्ष में रहने वाला एक नेता एक पुलिस अधिकारी से ऐसा कैसे कह सकता है? देवेंद्र फडणवीस औरपरमवीर सिंह दोनों ने ही वरिष्ठ एनसीपी नेता शरदचंद्र पवार द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों को अलग-अलग खारिज किया।
अनिल देशमुख के दावों के बारे में पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने बिना विस्तार से बताए कहा, “झूठ बोले कौवा काटे… काला कौवे से डरियो।” सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने गृह मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान पुलिस अधिकारियों को बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था। इस आरोपों के ध्यान में रखते हुए अनिल देशमुख ने 2021 में गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
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