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Dev Uthani Ekadashi : इस खास रेसिपी से बनाएं भगवान विष्णु को भोग लगाने के लिए धनिया पंजिरी

Dev Uthani Ekadashi : कल देव उठनी एकादशी मनाई जाएगी। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को लगने वाली इस एकादशी पर भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं। इसलिए इस दिन व्रत कर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इसी दिन विष्णु जी ने तुलसी माता से विवाह भी किया था। इसलिए तुलसी पूजा का भी महत्व है। देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को धनिया पंजीरी का भोग (Dhaniya Panjiri Bhog) लगाया जाता है। कुछ लोगों को धनिया पंजीरी का भोग कड़वेपन की वजह से पसंद नहीं आता है। आज इस लेख में हम आपको धनिया पंजीरी बनाने की ऐसी रेसिपी बताएंगे जिससे पंजीरी में कड़वापन नहीं रहेगा। साथ ही धनिया पंजीरी खाने के फायदे भी बताएंगे।

Dev Uthani Ekadashi पर बनाएं धनिया पंजीरी

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवठान या देव उठनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के बाद योग निद्रा से जागते हैं। इसी दिन विष्णु जी ने तुलसी जी से विवाह किया था। कल, 12 नवंबर को देव उठनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, समृद्धि और शांति मिलती है। इसलिए लोग इस दिन भगवान विष्णु को धनिया की पंजीरी का भोग लगाते हैं। कहते हैं कि विष्णु जी को धनिया पंजीरी बहुत पसंद है।

धनिया पंजिरी का भोग बनाने की सामग्री

देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2024) पर धनिया पंजिरी का भोग बनाने के लिए निम्न सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी। 

दो कप सूखी धनिया के बीज 
एक कप पिसी हुई चीनी
आधा कप देसी घी 
आधा कप कटे हुए बादाम, काजू, किशमिश, गरी 
आधा कप मखाना

Dev Uthani Ekadashi पर धनिया पंजिरी बनाने की विधि

भगवान विष्णु के लिए धनिया पंजीरी का भोग बनाने के लिए सूखी धनिया के बीजों को भूनना होगा। फिर भुनी हुई धनिया को महीन पीस लें। अब एक कढ़ाई को आंच पर रखें और उसमें घी गर्म करें। अब कटे हुए काजू, बादाम, मखाना और गरी को भून लें। इसके बाद इन सभी को दरदरा पीस लें। अब फिर से कढ़ाई में घी गर्म करें और धीमी आंच पर पिसी हुई धनिया को भूनें। जब धनिया से खुशबू आने लगे तो सभी ड्राई फ्रूट्स भी डाल दें। अब पिसी हुई चीनी भी मिला दें। गैस बंद जर दें और पंजीरी को ठंडा होने दें। देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को भोग लगाने के लिए आपकी धनिया की पंजिरी तैयार है।

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स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है धनिया पंजीरी  

धनिया में विटामिन के, सिलेनियम सहित कई फाइबर पाए जाते हैं। यह डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करती है। खाने में धनिया का प्रयोग दो तरह से किया जाता है। हरी धनिया के पत्तों और सूखी धनिया के बीजों को मसाले के तौर पर खाया जाता है। भगवान विष्णु को सूखी धनिया की पंजीरी का भोग लगाया जाता है। धनिया पंजीरी खाने के भी कई फायदे होते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। आईये जानते हैं कि धनिया पंजीरी खाने से क्या फायदे मिलते हैं…

धनिया पंजीरी खाने के फायदे (Benefits of Dhaniya Panjiri)

धनिया पंजीरी खाने से मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं ठीक होती हैं। 

धनिया पंजीरी के सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है। 

धनिया पंजीरी खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही पेट से संबंधित सभी समस्याओं से निजात मिलता है।  

धनिया पंजीरी के सेवन से सिर घूमना और चक्कर आने की समस्या से आराम मिलता है। 

धनिया पंजीरी से इम्यूनिटी बढ़ती है। जिससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। 

रोजाना कम मात्रा में धनिया पंजीरी खाने से गठिया रोग से निजात मिल जाता है। इससे हड्डियां मज़बूत होती हैं। 

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