Dev Anand Black Coat Ban | देव आनंद के काले कोट की दीवानगी, क्या है सच?

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Dev Anand Black Coat Ban In Hindi | फिल्म रसिकों के लिए देव आनंद की मिसाल मिलना नामुमकिन है क्योंकि वो ऐसे दिग्गज अभिनेता थे जिनके अंदाज़ का क़ायल ज़माना था ,काले कोट से लेकर उनका गले में स्कार्फ़ डाल लेने का स्टाइल भी उन्हें सबसे मुख्तलिफ़ अंदाज़ देता था। लड़कियों के दिलों का हाल तो पूछिए मत वो कहती थीं- एक तो खुदा ने इन्हें बना के हमारे दिल पे कहर ढाया ही है और ये भी कुछ काम सितम नहीं करते काला कोट पहन कर।

दूसरी तरफ देव आनंद की बेहतरीन लफ़्फ़ाज़ी और अदाकारी से भरी फिल्में है जो उनका दीवाना बना के ही छोड़ती हैं , कुछ ख़ास का ज़िक्र करें तो सबसे पहले याद आतीं हैं – ज़िद्दी , नौ दो ग्यारह, हम दोनों, जॉनी मेरा नाम, सीआईडी, महल, गाइड और कालापानी जैसी फिल्में जिनमें देव आनंद का दिलकश अंदाज इस क़दर लोगों को दीवाना बना देता था कि लड़के उनके जैसा दिखने की कोशिशें करने लगे थे तो लड़कियाँ उनके रोमेंटिक सीन को देखकर होश खो बैठती थीं ,

जाने ऐसा क्या था इस भोले भाले चेहरे में जो लोग उन्हें देखकर होश-ओ-हवास खो देते थे शायद इसीलिए देव साहब का वाइट शर्ट में ब्लैक कोट,पैंट का अंदाज बहोत पसंद किया जाता था पर उनका ये लुक देखकर लड़कियों पे बिजली गिर जाती थी मानो वो बावरी ,दीवानी सी होकर उनके पीछे चलने लगती थीं।

हर उम्र पर असर करता था उनका जादू

देव आनंद साहब की ख़ूबसूरती ,एक्टिंग और डायलॉग डिलीवरी का हर कोई दीवाना था और आज भी हैं फिर चाहे हम किसी भी उम्र के क्यों न हों। अपने टैलेंट के दम पर क़रीब छह दशकों तक उन्होंने फिल्म इंडस्टी पर राज किया और हमारे दिलों में जगह बनाई , देव साहब को उस वक़्त तो फैशन आइकॉन माना जाता था और उनकी एक झलक पाने को लोग बेक़रार हो जाते थे और अगर वो अपने पॉपुलर लिबास यानी काले कोट में नज़र आ जाते तो लोगों की जान पे बन आती थी उन के लिए फैंस की बढ़ती दीवानगी का आलम देखकर कोर्ट को दख़ल देना पड़ा और पब्लिक प्लेस में उनके काले कोट पहनके जाने पर पाबन्दी लगा दी गई। पर ऐसा क्या हुआ था जो कोर्ट को उनपर ये बैन लगाना पड़ा ,ये शायद देव साहब को भी नहीं पता था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1946 में फिल्म ‘हम एक हैं’ से की थी लेकिन वो स्टार की तरह चमके 1948 में आई फिल्म ‘ज़िद्दी’ से।

हर कोई उन्हें कॉपी करता था :-

उनका जादू फैंस के सिर चढ़कर बोलता था,उनके जैसा लुक हर कोई चाहता था लेकिन देव साहब जैसा दिखना किसी के भी बस के बाहर की बात थी फिर चाहे वो हीरो हो या आम इंसान, ऐसे में फीमेल फैंस की दीवानगी तो बनती थी जो उनकी गाड़ी निकलते देख अपनी जान की परवाह किए बिना छत और खिड़कियों से कूदने लगती थीं। उनसे मिलने और देखने की ख़्वाहिश लिए जीती थीं।

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