Posters Put Up Outside The Divisional BJP Office Jabalpur: प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाए, जिनमें लिखा था, “शिवराज सिंह चौहान, स्मृति ईरानी, संतोष बरकड़े और उमा भारती कौन हैं?” इन नेताओं ने वादा किया था कि सिहोरा को जल्द जिला बनाया जाएगा, लेकिन यह मांग अब तक अधूरी है।
Posters Put Up Outside The Divisional BJP Office Jabalpur: जबलपुर से 40 किमी दूर सिहोरा कस्बे में जिला बनाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। सिहोरा के लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने भाजपा संभागीय कार्यालय, जबलपुर के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाए, जिनमें लिखा था, “शिवराज सिंह चौहान, स्मृति ईरानी, संतोष बरकड़े और उमा भारती कौन हैं?” इन नेताओं ने वादा किया था कि सिहोरा को जल्द जिला बनाया जाएगा, लेकिन यह मांग अब तक अधूरी है। सरकार को जगाने के लिए प्रदर्शनकारियों ने शंख, घंटा और मंजीरे बजाए। प्रदर्शन को देखते हुए कार्यालय के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया।
प्रदर्शनकारियों का आक्रोश, प्रशासन का आश्वासन
सिहोरा के लोगों ने भाजपा संभागीय कार्यालय के सामने करीब दो घंटे तक प्रदर्शन किया। शंख, घंटा और मंजीरे बजाकर उन्होंने सरकार का ध्यान अपनी मांग की ओर खींचने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे सरकार को उसकी वादाखिलाफी याद दिला रहे हैं। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने मांग को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद लोग वहां से हटे।
नेताओं पर वादाखिलाफी का आरोप
सिहोरा के अनिल जैन ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उमा भारती, स्मृति ईरानी, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान, प्रहलाद पटेल, सांसद आशीष दुबे और विधायक संतोष बरकड़े ने समय-समय पर सिहोरा को जिला बनाने का वादा किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जैन ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान स्मृति ईरानी ने सिहोरा में प्रचार के दौरान कहा था कि यदि भाजपा प्रत्याशी संतोष बरकड़े जीतते हैं, तो सिहोरा को जिला बनाया जाएगा। बरकड़े को विधायक बने दो साल हो चुके हैं, लेकिन जिला बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि वे किसी भी कीमत पर सिहोरा को जिला बनवाकर ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक और नेताओं को पहले ही चेतावनी दी थी कि उन्हें भाजपा कार्यालय तक आने को मजबूर न किया जाए, लेकिन अनसुनी के बाद वे मजबूरन सड़कों पर उतरे।
2003 में रुकी थी अधिसूचना
अनिल जैन ने बताया कि 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सिहोरा को जिला बनाने का वादा किया था। प्रक्रिया शुरू हुई और 2003 में अंतिम अधिसूचना जारी होने से पहले विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो गई। इसके बाद भाजपा की सरकार बनी, लेकिन इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। कृष्ण कुमार कुरारिया ने कहा कि 20 साल से भाजपा सरकार सिहोरा को जिला नहीं बना रही, जबकि हर चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं। चुनाव जीतने के बाद ये वादे खोखले साबित होते हैं।