Satna News: सोमवार को समाजसेवी आशुतोष द्विवेदी ने दर्जनों ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने सरभंगा को सेंचुरी घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि इससे न केवल बाघों की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि क्षेत्र का पर्यटन भी सशक्त होगा।
MP/Satna News: सतना जिले के सरभंगा वन क्षेत्र को टाइगर सेंचुरी बनाने की मांग अब जोर पकड़ती जा रही है। सोमवार को समाजसेवी आशुतोष द्विवेदी ने दर्जनों ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने सरभंगा को सेंचुरी घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि इससे न केवल बाघों की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि क्षेत्र का पर्यटन भी सशक्त होगा।
माफियाओं ने फैलाया भ्रम
ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में पलायन का डर बनाया जा रहा है जो केवल एक भ्रांति है. यह खनिज माफियाओं द्वारा जानबूझकर फैलाया जा रहा है। उनका आरोप है कि माफिया अपने स्वार्थ के लिए सीधे और सरल ग्रामीणों को गुमराह करने में लगे हैं, जबकि अभ्यारण्य बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर तो मिलेंगे ही साथ ही जनजातीय समुदाय को भी फायदा होगा।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले डेढ़ दशक में सरभंगा क्षेत्र में 30 से 35 बाघों की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। यदि अभ्यारण्य बनने की मंजूरी मिल जाती है, तो बाघों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा और सतना को पर्यटन के वैश्विक नक्शे पर नई पहचान मिलेगी। धार्मिक और पौराणिक महत्व वाले इस क्षेत्र को संरक्षित करने की दिशा में यह कदम बेहद अहम होगा।
माफिया की वजह से रुका प्रस्ताव
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि कुछ खदानों के हितों के चलते सरभंगा अभ्यारण्य का प्रस्ताव लंबे समय से अटका हुआ है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि धार्मिक और पौराणिक स्थलों को सहेजने की सरकार की नीति के तहत सरभंगा को अभ्यारण्य बनाया जाए। इससे क्षेत्र का धार्मिक महत्व सुरक्षित होगा और सतना जिले का समग्र विकास संभव होगा।