संयुक्त राष्ट्र में अफ्रीका को UNSC का परमानेंट सीट देने की मांग , जाने भारत की प्रतिक्रिया

UNSC के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बराबरी का मुद्दा उठाया है . उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समय के साथ बदलाव नहीं हुए। उन्होंने UNSC में अफ्रीका की स्थाई सदस्यता देने की वकालत की है .

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गैरबराबरी का मुद्दा उठाया है . उन्होंने इस बात पर दुःख जताया कि बदलते वक्त के संयुक्त राष्ट्र में कोई बदलाव नहीं हुए है। साथ ही उन्होंने UNSC में अफ्रीका की स्थाई सदस्यता की वकालत की . एक उच्च स्तरीय बैठक में एंटोनियो गुटेरेस  ने कहा कि बदलते समय के साथ हम दुनिया के साथ तालमेल बैठने में असफल रहे। आपको बताते चले कि भारत लम्बे समय से यह मांग करता रहा है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश होने के बावजूद उसे अभी तक UNSC में स्थाई सदस्यता नहीं मिल सकी है .

अफ्रीका के लिए एक स्थाई सीट की वकालत करते हुए एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यह स्वीकार करने लायक बात नहीं है कि दुनिया के प्रमुख शांति और सुरक्षा संगठन में एक अरब से अधिक आबादी वाले महाद्वीप के लिए स्थाई सीट नहीं है . उन्होंने आगे कहा कि अफ्रीका एक महत्वपूर्ण देश है और अभी वहां शांति और सुरक्षा के मामले में वैश्विक स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है . मौजूदा व्यवस्था में UNSC में कुल 15 देश है जिनमें वीटो पॉवर वाले 5 देश शामिल है जो क्रमशः  चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं। अन्य 10 सीटें अस्थाई है जो क्षेत्रीय रूप से विभाजित है . इनमें से तीन अफ्रीकी देशों के लिये निर्धारित की गई है .

UNSC को 21 सदी के लायक बनाने की जरूरत- भारत

इससे पहले कई मौकों पर भारत ये मांग करता रहा है कि उसे UNSC में स्थाई सदस्यता मिले। विदेश मंत्री एस. जयशंकर कई बार इस बात पर भी आपत्ति जता चुके है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को अभी तक UNSC की स्थाई सदस्यता न मिलना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है .

आपको बता दे कि UN में भारत की परमानेंट प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज इससे पहले कई बार यह मुद्दा उठा चुकी है . एक बार अपने बयान में उन्होंने कहा था कि UNSC के ज्यादातर स्थायी सदस्य खुद भी यह मानते हैं कि परिषद में और सदस्यों को शामिल करके ही इसे 21वीं के लायक बनाया जा सकता है। हमें यह समझने की जरूरत है कि अभी जो देश UNSC के स्थायी सदस्य हैं, उनका चुनाव 20वीं सदी की राजनीति के आधार पर हुआ था, लेकिन अब समय बदल गया है।

क्या है UNSC ?

  • सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र की सबसे महत्त्वपूर्ण इकाई है और इसका गठन द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1945 में हुआ था।
  • ब्रिटेन, फ्राँस, रूस, चीन और अमेरिका सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य है। इन देशों के पास वीटो का अधिकार होता है।
  • इन देशों की सदस्यता दूसरे विश्वयुद्ध के बाद के शक्ति संतुलन को प्रदर्शित करती है। 
  • इन स्थायी सदस्य देशों के अलावा 10 अन्य देशों को दो साल के लिये अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा परिषद में शामिल किया जाता है।
  • स्थायी और अस्थायी सदस्य बारी-बारी से एक-एक महीने के लिये परिषद  के अध्यक्ष बनाए जाते हैं।
  • अस्थायी सदस्य देशों को चुनने का उदेश्य सुरक्षा परिषद में क्षेत्रीय संतुलन कायम करना है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UN के छह प्रमुख अंगों में से एक है। यह UN की सबसे पावरफुल संस्था है। इस पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने की जिम्मेदारी है।

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