Madhya Pradesh Teachers Promotion Process News: मध्य प्रदेश शासन ने सभी विभागों को 31 जुलाई 2025 तक पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश जारी किए हैं। इस दिशा में स्कूल शिक्षा विभाग में भी तेजी से कार्रवाई की जा रही है। लेकिन इसी प्रक्रिया में उच्च पद का प्रभार संभाल रहे शिक्षकों के भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
उच्च पद प्रभार वाले शिक्षकों पर असमंजस
शिक्षकों को यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें इस पदोन्नति प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी या नहीं। शासकीय शिक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने बताया कि जब पदोन्नति के नियम कोर्ट में विचाराधीन थे, तब सरकार ने विभागीय कार्यों के संचालन हेतु वरिष्ठता के आधार पर “उच्च पद प्रभार” की व्यवस्था लागू की थी। इसके तहत शिक्षकों को उनकी सहमति से, बिना अतिरिक्त वेतन लाभ के, उच्च पद का कार्यभार सौंपा गया था।
अब जब आरक्षण और सेवा नियमों के तहत नियमित पदोन्नति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो यह ‘प्रभारधारी शिक्षक’ आशंकित हैं कि उन्हें उनकी वर्तमान स्थिति से वंचित किया जा सकता है, और सरकार उन्हें वापस मूल पद पर भेज सकती है। यह स्थिति उनके मनोबल और सेवाकाल पर भी असर डाल रही है।
क्या है संगठन की मांगें
शिक्षक संगठन ने मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से मांग की है कि, उच्च पद प्रभार संभाल रहे शिक्षकों की स्थिति को पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होने से पहले स्पष्ट किया जाए। इन्हें प्राथमिकता के आधार पर पदोन्नत किया जाए। लेकिन फिर भी यदि कोई तकनीकी या नियमगत अड़चन हो तो इसके समाधान हेतु स्पष्ट मार्गदर्शन और नियमावली बनाई जाए।