Demand raised to not make defaulter Chaukhandi committee a wheat procurement center: रीवा। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की चल रही तैयारी के बीच अब दागी समितियों को खरीद केन्द्र नहीं बनाए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इस मामले में कई गांवों के किसानों ने शिकायतें दर्ज कराई है। कलेक्टर के साथ ही यह शिकायत भोपाल स्थित मुख्यालय में भी की गई है। एक शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने सेवा सहकारी समिति मर्यादित चौखण्डी के विरुद्ध शिकायत की है जिसमें कहा गया है कि 1.61 करोड़ रुपए की अनियमिता का मामला चल रहा है।
यह समिति पहले से ही डिफाल्टर है। यहां पर पूर्व में धान उपार्जन का 1.38 करोड़ और गेहूं का 23.42 लाख रुपए जमा नहीं किए जाने का आरोप है। उक्त राशि वसूली के लिए कलेक्टर द्वारा महाप्रबंधक जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं रीवा को निर्देश जारी हुआ था, जिस पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई है। आरोप है कि कुछ अधिकारियों द्वारा हर साल दागी समितियों को खरीदी केन्द्र बनाए जाने का प्रस्ताव दिया जाता है। पूर्व में कलेक्टर के संज्ञान मे मामला आने की वजह से उन्होंने केन्द्र नहीं बनाया था। इस पूरे मामले में जांच कराए जाने की मांग उठाई गई है।
स्व सहायता समूहों को भी पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिसमें व्यापक रूप से लापरवाही सामने आई थी। धान खरीदी के दौरान भी समूहों को दूर रखा गया था। अब अधिकांश समूहों की ओर से राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। इस पर कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि पूर्व में जिनके विरुद्ध शिकायतें आई हैं उन्हें खरीदी की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।