MP: अस्पताल के बाहर कराई आदिवासी महिला की डिलीवरी, स्टाफ से नहीं मिली कोई मदद

shivpuri -

परिजन ने बताया कि यहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. पैसों की व्यवस्था नहीं होने के कारण समय पर जिला अस्पताल नहीं जा सके. रात लगभग 9 बजे महिला को प्रसव पीड़ा चालू हुई. डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ से डिलीवरी कराने की मदद मांगी तो स्टाफ ने थाने में बंद कराने की धमकी दी.

शिवपुरी जिले के रन्नौद स्वास्थ्य केंद्र के बाहर एक गर्भवावती ने बच्चे को जन्म दिया। डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ कोई मदद के लिए नहीं पहुंचा। आदिवासी महिलाओं ने ही डिलीवरी कराई। मामले में डॉक्टर का कहना है कि प्रसूता को जिला अस्पताल रेफर किया गया था. एंबुलेंस भी पहुंच गई थी, लेकिन परिजन उसे लेकर रवाना नहीं हुए. शिवपुरी जिले के शंकरपुर की निवासी हृदेश आदिवासी को डिलीवरी के लिए रन्नौद स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था.

परिजन ने बताया कि यहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. पैसों की व्यवस्था नहीं होने के कारण समय पर जिला अस्पताल नहीं जा सके. रात लगभग 9 बजे महिला को प्रसव पीड़ा चालू हुई. डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ से डिलीवरी कराने की मदद मांगी तो स्टाफ ने थाने में बंद कराने की धमकी दी. जिसके कारण अस्पताल के बाहर ही डिलीवरी करानी पड़ी.

इस मामले पर रन्नौद स्वास्थ्य केंद्र पदस्थ डॉ. अक्षय शर्मा ने बताया कि प्रसूता को बुधवार 17 जुलाई की शाम 6 बजे लाया गया. जांच के दौरान पता चला कि प्रसूता का हीमोग्लोबिन मात्र 6 ग्राम है. जो कि बहुत था. जबकि इसकी मात्रा लगभग 11 ग्राम होनी चाहिए। मल्टी ग्रेविडा के साथ गंभीर एनीमिया होने के चलते और गाइडलाइन के तहत उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.

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एम्बुलेंस की सुविधा भी करा दी गई थी. लेकिन परिजन तैयार नहीं हुए. एम्बुलेंस लगभग एक घंटे तक प्रसूता को ले जाने के लिए खड़ी रही। लेकिन एक्सीडेंट केस आने के बाद वहां से चली गई. उसी दौरान अस्पताल में अन्य डिलीवरी केस भी आ गए, जिसमें स्टाफ व्यस्त हो गया था.

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