Delhi CM Arvind kejriwal News :दिल्ली में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी लगातार यह आरोप लगा रही है कि केजरीवाल जेल में होने के बावजूद वह अपने पद से स्तीफा नहीं दे रहे है। ऐसे में दिल्ली में एक संवैधानिक संकट पैदा हो गया है।
आपको बता दे कि अगस्त में दिल्ली के बीजेपी विधायकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर उन्हें एक चिट्ठी सौंपी. इसमें मांग की गई कि इस संवैधानिक संकट को देखते हुए दिल्ली में ‘आप’ की सरकार को बर्खास्त किया जाए और राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
गृह मंत्रालय कर रहा विचार
ताजा रिपोर्ट्स में पता चला है कि राष्ट्रपति ने विधायकों की चिट्ठी को केंद्रीय गृह मंत्रालय में भेज दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबित राष्ट्रपति सचिवालय ने इस पत्र को उचित कार्यवाहीं के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया है. मंत्रालय ने अभी तक इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है.
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने इस बात की पुष्टि की।
जवाब में ‘आप’ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा है कि यह दिल्ली की चुनी हुई सरकार को गिराने के बीजेपी के ‘षड्यंत्र’ के तहत किया गया है.
संविधान क्या कहता है
भारत में राष्ट्रपति शासन संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लगता है। आपको बता दे कि अगर राष्ट्रपति इस बात से आश्वस्त हो जाये कि किसी राज्य में चयनित सरकार से वहां की कानून व्यवस्था संभल नहीं पा रही है तो राष्ट्रपति अपने अधिकार का इस्तेमाल कर चयनित सरकार का को हटा सकता है।
हालांकि, अनुच्छेद 356 केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू नहीं होता है. दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए संविधान में भाग 239 एबी के तहत अलग प्रावधान है. राज्य हो या केंद्र शासित प्रदेश, राष्ट्रपति शासन घोषित करने के दो महीनों के अंदर उसके लिए संसद की स्वीकृति भी लेनी होती है.
किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के बाद उसे सिर्फ छह महीने तक रखा जा सकता है. यह अवधि आगे बढ़ाने के लिए फिर से संसद की स्वीकृति अनिवार्य होती है. ऐसा अधिकतम तीन साल तक किया जा सकता है.
आपको बता दे कि दिल्ली में पिछली बार राष्ट्रपति शाशन 2014 में लगाया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में लोकपाल बिल पेश ना कर पाने की वजह से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था, जो पूरे एक साल, यानी फरवरी 2015 तक कायम रखा गया.
यह भी देखें : https://youtu.be/XsItaDO4nq0?si=w3yyPIX9rH0kT5PL