दिल्ली दूर नही…उपराष्ट्रपति पद पर एमपी की हो सकती एन्ट्री, संघ और मोदी के करीबी को मिल सकता है मौका

एमपी। दिल्ली दूर नही…जी हां। यहां हम बात कर रहे है देश के नए उपराष्ट्रपति को लेकर। दरअसल उपराष्ट्रपति जगदीप धनखंड के इस्तीफे के बाद इस पद को लेकर रेस में कई नाम हैं। राजनैतिक गलियारें में अब उपराष्ट्रपति के दावेदारों को लेकर चर्चा तेजी से होने लगी है। इनमें से एक नाम थावरचंद गहलोत का भी तेजी के साथ सामने आ रहा है। श्री गहलोत मध्यप्रदेश के रहने वाले है। वर्तमान में वे कर्नाटक के राज्यपाल है। वे केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। ज्ञात हो कि चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।

एमपी के रतलाम से शुरू हुआ राजनैतिक सफर

थावरचंद गहलोत का राजनीतिक सफर मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के आलोट से शुरू हुआ है। उन्होंने शुरुआत जनता पार्टी से की थी। 1977 में वे उज्जैन ग्रामीण जिले के महासचिव पद पर रहे थे।  1980 में गहलोत भाजपा में शामिल हो गए, थावरचंद गहलोत 1980 में पहली बार मध्य प्रदेश में विधायक बने थे। 1990 में वह एमपी सरकार में राज्यमंत्री बन गए। 1996 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने। वहीं 1998 से 2004 तक लगातार लोकसभा सांसद रहे हैं। 2012 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए। 2018 में फिर से राज्यसभा गए। 2014 में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने। 2019 में केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ राज्यसभा में वह सदन के नेता भी बने। 2021 में कर्नाटक के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई। तब से वे इस पद की जिम्मेदारी सम्हाल रहे है। उनके पास राज्यसभा का लंबा अनुभव है। वह राज्यसभा में सदन के नेता भी रह चुके हैं। इसके अलावा, वह मोदी सरकार में दो बार केंद्रीय मंत्री रहे हैं। वह बीजेपी की सबसे बड़ी संसदीय समिति के सदस्य भी रहे हैं।

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