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Delhi High Court : AAP ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं माना तो SC जाओ, यहां क्यों आए 

Delhi High Court : दिल्ली हाई कोर्ट ने आज आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द करने से मना कर दिया था। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया है तो सुप्रीम कोर्ट ही जाएं। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा आम आदमी पार्टी के खिलाफ कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं साबित हुए हैं इसलिए पार्टी की मान्यता रद्द करना जायज नहीं है। 

दिल्ली हाई कोर्ट ने नहीं की सुनवाई 

सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव नामांकन/हलफनामे के दौरान पार्टी के उम्मीदवारों के आपराधिक रिकार्ड को अदालत में पेश करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की कथित अनदेखी का आरोप लगाकर AAP की मान्यता रद्द करने की मांग करने वाली याचिका (PIL)पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया है तो आपको सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।

याचिका में क्या कहा गया था? | Delhi High Court

आम आदमी पार्टी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। याचिका में भारतीय चुनाव आयोग को आम आदमी पार्टी (आप) का पंजीकरण निलंबित करने, रद्द करने या निरस्त करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। यह याचिका आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव-2025 को देखते हुए दायर की गई थी। 

याचिकाकर्ता का AAP पर आरोप 

दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड और पार्टी के खुद के आपराधिक रिकॉर्ड को उजागर नहीं किया है जो कि सुप्रीम कोर्ट का उलंगन है। इसलिए याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि आम आदमी पार्टी की मान्यता दिल्ली चुनाव से पहले रद्द कर देनी चाहिए। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि राजनीतिक दल और उम्मीदवार अपनी नामांकन प्रक्रिया के तहत किसी भी आपराधिक पृष्ठभूमि का खुलासा करें। चूँकि आम आदमी पार्टी ने क्रिमिनल रिकॉर्ड दर्ज नहीं करवाएं, इसलिए याचिकाकर्ता ने AAP की मान्यता रद्द करने की मांग की थी। 

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याचिकाकर्ता अब वापस सुप्रीम कोर्ट जाएंगे 

दिल्ली हाई कोर्ट के के फैसले के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका वापस ले ली है। याचिकाकर्ता के वकील नेबताया कि आम आदमी पार्टी अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड पेश करने  में विफल रही है, विशेष रूप से कथित शराब घोटाले में पार्टी की संलिप्तता के आरोपों के मद्देनजर, जिसमें आप को कथित तौर पर आरोपी के रूप में नामित किया गया है। इसलिए अब वह इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। 

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