AAP के चुनावी पर भारी पड़ेंगी नूपुर शर्मा

Nupur Sharma Delhi Election: दिल्ली चुनाव की तरीकों के एलान हो चुका है और दिल्ली में इस समय आम आदमी पार्टी का रोला जमा हुआ है. पूर्व सीएम केजरीवाल खुद को सीएम उम्मीदवार बता कर एक से एक योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं. केजरीवाल इतना तो समझ गए हैं कि पिछले चुनाव में किए वादे, जैसे यमुना साफ कर देंगे, साफ़ पानी देंगे, बिजली फ्री कर देंगे जी वाला फार्मूला अब काम नहीं आने वाला इसी लिए उन्होंने DBT योजनाओं और हिंदुत्व को अपना चुनावी हथियार बनाया। केजरीवाल अब खुद को सबसे बड़ा हिन्दू हितैषी बता रहे हैं, उन्होंने दिल्ली के पुजारियों को हर महीने 18 हजार रुपए देने की बात जो कही है, वो बात अलग है कि पिछले कार्यकाल में उन्होंने इमामों को 18000 हजार देने की बात कही थी जो नहीं दिए. खैर जो भी हो आम आदमी पार्टी की पुजारी – ग्रंथि सम्मान योजना का असर तगड़ा देखने को मिला, भाजपा मंदिर प्रकोष्ट के पुजारियों ने पलटी मारकर केजरीवाल का दामन थाम लिया, ऐसे में बीजेपी असहाय सी हो गई, क्योंकी हिंदुत्व का मुद्दा तो केजरीवाल ने तरीके से भुना लिया लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि केजरीवाल के चुनावी हिंदुत्व पर भारतीय जनता पार्टी अब अपना ब्रह्मास्त्र छोड़ने वाली है. और वो ब्रह्मास्त्र हैं नूपुर शर्मा, जिन्हे जून 2022 में बीजेपी ने 6 साल के लिए ससपेंड कर दिया था.

नूपुर शर्मा को बीजेपी देगी टिकट

ऐसा माना जा रहा है कि अगर दिल्ली में कोई ऐसा चेहरा है जो आम आदमी पार्टी को हारने का दम रखता है तो वो नूपुर शर्मा हैं। सोशल मीडिया में लोगों का ये कहना है और ये मांग भी है कि दिल्ली चुनाव में अब बीजेपी को नूपुर शर्मा के सस्पेंशन को खत्म कर उन्हें टिकट दे देना चाहिए, कुछ का ये भी मानना है कि नूपुर शर्मा को सीएम फेस के रूप में उतारना चाहिए। नूपुर शर्मा का अपना एक अलग फैन बेस है, उनकी छवि एक हिंदूवादी नेत्री के रूप में है और अगर केजरीवाल के हिन्दुस्त्व कार्ड को मात देनी है तो बीजेपी को भी अपना ट्रंप कार्ड चल देना चाहिए।

नूपुर शर्मा देंगी केजरीवाल को मात

ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी ने इस चुनाव में नूपुर शर्मा को टिकट देने का मन बना भी लिया है, लेकिन उनके नाम का एलान अभी नहीं किया जा रहा। ऐसा कहा जा रहा है कि हो सकता है कि अगली लिस्ट में नूपुर शर्मा का एलान कर दिया जाए. वैसे अगर ऐसा होता है तो ये दिल्ली इलेक्शन में गेम चेंजर साबित हो सकता है. वैसे ऐसी खबरें लोकसभा चुनाव के दौरान भी उठी थीं मगर इस चुनाव में किसी भी बीजेपी नेता ने नूपुर का जिक्र तक नहीं किया। दिल्ली चुनाव में नूपुर शर्मा की एंट्री, कुछ लोगों की उम्मीद है तो कुछ की डिमांड है लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनका ये मानना है कि बीजेपी खुद को अनुशाषित पार्टी दिखाने के लिए तबतक नूपुर शर्मा को बहाल नहीं करेगी जबतक कि उनके सस्पेंशन की अवधि पूरी नहीं हो जाती।

टी राजा सिंह को भी किया था बहाल

ऐसे में तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी राजा का जिक्र होना जरूरी हो जाता है, जिन्हे भी एक एक मजहब के संस्थापक के बारे में गलत बयानबाज़ी करने के आरोप में उन्हे सस्पेंड कर दिया था, जबकि वो तेलंगाना के एकलौते बीजेपी MLA थे, लेकिन जब चुनाव का वक़्त आया वो उन्हें बहाल कर टिकट दे दिया गया और वो जीत भी गए, तो इस संभावना को नाकारा नहीं जा सकता है कि चुनाव के वक़्त में खुद को बड़ा हिन्दू साबित करने करने के लिए बीजेपी नूपुर शर्मा को टिकट दे दे.

जब दूसरे नहीं सोचते तो बीजेपी क्यों

बीजेपी को समर्थन देने वालों का ये कहना है कि जब दूसरी राजनीतिक पार्टियां, चुनाव जीतने के लिए क्रिमिनल्स को टिकट दे सकती हैं तो बीजेपी, उस नेता के सस्पेंशन को बहाल क्यों नहीं कर सकती जिसने कोई अपराध ही नहीं किया। AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन और शिफा उर रहमान को टिकट दिया है, ये वो लोग हैं जिनपर हिन्दुओं को टारगेट कर उनकी जान लेने और दंगे कराने जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं और ये जेल में बंद हैं.

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