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तो INDI गठबंधन को खत्म समझें?

दिल्ली चुनाव का बिगुल बजते ही जो होना तय माना जा रहा था वही होने लगा है. चुनाव में दोस्त दोस्त न रहा, यार यार न रहा वाला सिस्टम इम्प्लीमेंट हो चुका है. अब साथ मिलकर चुनाव लड़ने की पॉलिसी खत्म हो चुकी है अब लड़ाई आमने सामने की हो गई है। कुछ महीने पहले तक जो अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी के लिए ईमानदार मुख्य मंत्री हुआ करते थे वो आज झूठे हो गए हैं और जो राहुल गांधी, केजरीवाल के लिए देश के लीडर थे वो अब उनके लिए कोई मायने नहीं रखते। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे पर बीजेपी से मिले होने के आरोप लगा रही हैं और मजे की बात ये है कि दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा था.

केजरीवाल कहते हैं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हारने के लिए कांग्रेस के लोग बीजेपी से मिले हुए हैं, वहीं राहुल गांधी कहते हैं कि मोदी और अरविंद केजरीवाल एक जैसे हैं. राहुल गांधी ने बीते दिन एक सभा की थी जिसमे उन्होंने कहा कि केजरीवाल कभी मोदी के खिलाफ नहीं बोलते, अडानी के खिलाफ नहीं बोलते, जातिगत जनगणना का समर्थन नहीं कर देते, क्योंकी दोनों एक जैसे हैं

राहुल गांधी का केजरीवाल को लेकर एक और वीडियो खूब वायरल है, जिसमे वह यमुना नाले के पास घूम रहे हैं और केजरीवाल की नीतियों का मजाक उड़ा रहे हैं.

राहुल गांधी अब ओपनली कह रहे हैं कि केजरीवाल झूठे हैं, भ्रष्टाचारी हैं, लेकिन यही राहुल गांधी, पिछले महीने तक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली चुनाव साथ मिलकर लड़ने की रिक्वस्ट कर रहे थे.

राहुल, केजरीवाल पर फायर हुए तो केजरीवाल ने भी बैकफायर मारा। उन्होंने राहुल के बयान का जवाब X पर पोस्ट करके दिया, उन्होंने कहा – राहुल गांधी ने मुझे गालियां दीं, लेकिन मैं उनके बयानों पर टिप्पणी नहीं करूँगा, उनकी लड़ाई कांग्रेस बचाने की है और मेरी देश बचाने की.

https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1879014150325846435

इसपर बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने चुटकी लेते हुए कहा, देश की चिंता बाद में करना पहले नई दिल्ली सीट बचा लो, तो केजरीवाल ने पलटवार करते हुए कहा – मैंने राहुल गांधी पर एक लाइन बोली और जवाब बीजेपी वालों से आ रहा है. शायद ये चुनाव कांग्रेस और बीजेपी के बीच सालों से चल रही जुगलबंदी से पर्दा हटा दे.

तो दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, दोनों का आलम एक जैसा है, दोनों ही एक दूसरे को यह कहकर बुरा बता रहे हैं कि उनका बीजेपी से कनेक्शन है. लेकिन दोनों पार्टियों में एक बड़ा फर्क है, आम आदमी पार्टी को इंडि ब्लॉक के दलों का समर्थन मिला है जबकि कांग्रेस अकेली पड़ गई है। वो कांग्रेस जिसने अपना UPA खत्म कर इंडि ब्लॉक की नीव रखी, उसे इंडि दलों ने दरकिनार कर दिया, दिल्ली चुनाव में इंडि अलायंस की कोई भूमिका नहीं है, न कांग्रेस ऐसे किसी दल का नाम ले रही न आम आदमी पार्टी लेकिन इंडि दल की प्रमुख पार्टियां खुद आगे आ रही हैं और केजरीवाल का साथ देने की बात कर रही हैं.

समाजवादी पार्टी ने इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल का साथ देने का एलान किया। इधर तृणमूल कांग्रेस ने भी आम आदमी पार्टी को अपना सपोर्ट दिया, अब एनसीपी शरद पवार ने भी आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया, कांग्रेस को अकेला छोड़ दिया। जबकि सपोर्ट की जरूरत कांग्रेस को थी, इंडि दल से अलग रहकर चुनाव लड़ने की बात केजरीवाल ने कही थी फिर भी इन दलों ने साथ देने के लिए केजरीवाल को चुना। यहां एक सीधा सा लॉजिक लगता है, राहुल गांधी की नज़रों में अरविंद केजरीवाल झूठें हैं, पीएम मोदी जैसे हैं, उन्होंने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया, फिर सपा, TMC और NCP केजरीवाल के साथ हैं, यानी झूठे नेता का साथ देने वाली पार्टियां, राहुल की नज़रों में साहूकार तो नहीं हैं और इन्ही पार्टियों के दम पर तो इंडिया ब्लॉक टिका है, जिसके अध्यक्ष कांग्रेस लीडर मल्लिकार्जुन खरगे हैं. तो इंडि ब्लॉक को जनता खत्म समझे, या ये माने की कांग्रेस अब इस गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं ? इंडि ब्लॉक को चाहिए कि कम से कम जनता का कन्फ्यूजन तो दूर कर दें, कम से कम अपने वोटर्स को तो बता दे कि आखिर चल क्या रहा है. वैसे आपको क्या लगता है, कहीं इंडि ब्लॉक ने कांग्रेस को ही ब्लॉक कर दिया है या अब ऐसा कोई गठबंधन है ही नहीं। जवाब हमें कमेंट बॉक्स में जरूर दें

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