दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रेल मंत्री को लिखा पत्र, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन’ करने की मांग

Purani Dilli Railway Station Name Change News: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन’ करने की मांग उठाई है। इस संबंध में उन्होंने 19 जून 2025 को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा था, जिसकी जानकारी और कॉपी अब सार्वजनिक हुई है।

क्या बोलीं रेखा गुप्ता

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो वरिष्ठ नेताओं ने इस प्रस्ताव की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने पत्र में तर्क दिया कि महाराजा अग्रसेन समाज सेवा, सामाजिक न्याय और आर्थिक दूरदर्शिता के प्रतीक थे। उनके योगदान ने दिल्ली के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गुप्ता ने कहा- “महाराजा अग्रसेन की विरासत को सम्मान देने और दिल्लीवासियों की भावनाओं को प्रतिबिंबित करने के लिए स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखना उचित होगा।”

पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन एक ऐतिहासिक धरोहर

1864 में स्थापित, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन राजधानी के सबसे पुराने और व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में से एक है। चांदनी चौक क्षेत्र में स्थित इस स्टेशन की वास्तुकला लाल किले की शैली से प्रेरित है, जो इसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व प्रदान करती है। यह स्टेशन भारतीय रेलवे नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जो रोजाना लाखों यात्रियों को जोड़ता है।

प्रस्ताव को लेकर छिड़ी सोशल मीडिया में बहस

इस प्रस्ताव को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। भाजपा नेताओं और समर्थकों ने इस कदम का स्वागत किया है, इसे सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम बताया है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए हैं, जो इस तरह के प्रयासों का उदाहरण है।

वहीं कुछ लोग इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर @RahulSharmaINC ने कहा कि पुरानी दिल्ली केवल एक स्टेशन का नाम नहीं, बल्कि दिल्ली की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। उनका कहना है कि नाम बदलने से इसकी ऐतिहासिक महत्ता कमजोर हो सकती है।

रेल मंत्रालय ने अभी तक नहीं दिया जवाब

रेल मंत्रालय ने अभी तक इस मांग पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की प्रक्रिया में स्थानीय भावनाओं, ऐतिहासिक महत्व और प्रशासनिक प्रक्रियाओं का ध्यान रखा जाता है। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेते हैं।

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