Delhi CM Atishi : अरविन्द केजरीवाल के एलान के बाद आखिरकार दिल्ली को आज नया मुख्यमंत्री मिल गया। दिल्ली की सीएम बनने पर अतिशी ने मिडिया से कहा कि उन्हें खुशी से ज्यादा दुख हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अरविन्द केजरीवाल अपने सीएम पद पर वापसी करेंगे। जब तक वह वापस काम पर नहीं आते वह उनके लिए काम करेंगी। अरविन्द केजरीवाल ने जब सीएम पद के लिए अतिशी के नाम का एलान किया तो यह क्षण आम आदमी पार्टी के लिए काफी मुश्किल भरा रहा। साथ ही विपक्ष में भी यह सवाल पहेली बन गया है कि अतिशी ही सीएम क्यों बनी।
अतिशी बनी दिल्ली की मुख्यमंत्री (Delhi CM Atishi)
आज मंगलवार को दिल्ली को उनका नया मुख्यमंत्री मिल गया है। आम आदमी पार्टी की होनहार नेत्री अतिशी दिल्ली की सीएम कुर्सी पर बैठने जा रही हैं। दिल्ली सरकार में अतिशी 17 विभागों का कार्यभार संभालती आई हैं। अब पार्टी ने उन्हें उनकी ईमानदारी और विश्वासनीयता के लिए यह पद इनाम स्वरुप दिया है। अरविन्द केजरीवाल ने जब मुख्यमंत्री पद के लिए अतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा तो आप विधायकों ने खुशी से प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
अरविन्द केजरीवाल वापसी करेंगे – अतिशी
आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में दिल्ली की सीएम चुनी जाने पर नई मुख्यमंत्री अतिशी ने प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्हें सीएम बनने की खुशी से ज्यादा इस बात का दुख है कि अरविन्द केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ रहा है। अतिशी ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल अपने सीएम पद पर वापसी करेंगे। उनके इस पद पर दोबारा वापसी तक वह उनके मार्गदर्शन में काम करेंगी।
मुझे विधायक से सीएम बना दिया – अतिशी (Delhi CM Atishi)
आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”मुझे विधायक बनाया, फिर मंत्री बनाया और आज मुझे मुख्यमंत्री बनने की ज़िम्मेदारी दे रहे हैं। आज दुख भी मेरे मन में है क्योंकि दिल्ली के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, मेरे बड़े भाई अरविंद केजरीवाल आज इस्तीफा दे रहे हैं।दिल्ली के लोगों का बेटा और एक ही मुख्यमंत्री है वो है अरविंद केजरीवाल। BJP ने ईमानदार आदमी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।”
मुझे कोई बधाई न दें – अतिशी
वहीं दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनी अतिशी ने आप विधायकों और दिल्ली की जनता से अपील की है कि कोई उन्हें बधाई न दें और न ही उन्हें माला पहनाएं। अतिशी ने कहा कि वह केवल तब तक ही मुख्यमंत्री पद पर बैठेंगी जब तक वर्तमान सरकार का कार्यकाल पूरा नहीं होता। उसके बाद वह सीएम कुर्सी पर नहीं बैठेंगी। उन्होंने कहा कि चुनाव में जनादेश पार्टी के पक्ष में आया तो अरविन्द केजरीवाल ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
आखिर अतिशी ही सीएम क्यों बनी?
दिल्ली की जनता के साथ-साथ भाजपा और कांग्रेस भी इस सवाल में उलझी है कि अरविन्द केजरीवाल ने आखिर अतिशी (Delhi CM Atishi) को ही सीएम क्यों चुना। यह कहना गलत नहीं होगा कि कई राजनीतिज्ञ ने उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल के सीएम चुने जाने का इंतज़ार था। हालांकि, अरविन्द केजरीवाल ने अतिशी को दिल्ली की कुर्सी सौंपकर सभी को चौंका दिया। अतिशी ने दिल्ली की शिक्षा नीति बनाने में अहम भूमिका निभाई है। यहीं नहीं दिल्ली के 18 विभागों को संभालने वाली आतिशी अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों की विश्वासपात्र हैं। आतिशी को सीएम बनाकर केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव से पहले आधी आबादी को भी साधने की कोशिश की है।
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