दिल्ली। देश के दिल यानि दिल्ली को दहलाने वाली घटना के तार पाकिस्तान यानि अधिकृत कश्मीर से जुड़ रहे है। यहा तकरीबन पिछले 4 महीनों से ब्लास्ट करने की योजना बन रही थी। इस ब्लास्ट के लिए आंतकी संगठन की महिला विंग काम कर रही थी और महीनों से यह विंग भारत में एक्टिव थी। फरीदाबाद से गिरफ्तार किए गए तीन डॉक्टर इसी योजना का हिस्सा थे। खास बात यह है कि इस योजना में डॉक्टर, प्रोफेसर और महिला सदस्य शामिल थे, जो पाकिस्तानी हैंडलर्स के सीधे संपर्क में थे। जांच में पता चला है कि यह नेटवर्क मेडिकल प्रोफेशन और शैक्षणिक संस्थानों की आड़ में काम कर रहा था, और हरियाणा के फरीदाबाद, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और यूपी के सहारनपुर सहित कई इलाकों से जुड़ा था।
आतंकी संगठन कर रहे थें काम
इसके पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा शामिल थे। खुफिया एजेंसियों को इसके संकेत पाक में आतंकियों के इंटरसेप्ट कम्युनिकेशन से मिले हैं। जांच एजेंसियों को पता चला है जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग अक्टूबर से भारत में एक्टिव हो गई थी। इनका मकसद लड़कियों का ब्रेनवॉश करना था। सुरक्षा एजेंसियां इन सबूतों को वेरिफाई कर रही हैं।
ऐसे हुई शुरूआत
दिल्ली धमाके के लिए प्लान कश्मीर के नौगाम से हुई। इसी दौरान पुलिस मौलवी इरफान अहमद तक भी पहुंची, जिसने डॉक्टरों को ब्रेनवॉश किया था। जो जानकारी आ रही है उसके तहत अगस्त से अक्टूबर के बीच पाक में आतंकियों के अलग-अलग गुटों की हाई लेवल मीटिंग हुई थी। इसमें जमात-ए-इस्लामी के अलावा सीनियर अफसर शामिल थे। इनकी बातचीत को भारत की खुफिया एजेंसियों ने इंटरसेप्ट किया था। धमाका करने वाला यह ग्रुर्प 4 अक्टूबर को सहारनपुर में एक शादी मिला और इसके बाद ग्रुप ने फौजियों को धमकाने वाले पोस्टर, हथियार, विस्फोटक और फंडिंग के नेटवर्क तैयार करना शुरू किया।
मुजम्मिल और शाहीन का पुराना नेटवर्क
ऐसी जानकारी भी आ रही है कि पाक में हुई मीटिंग के बाद पुराने स्लीपर सेल को एक्टिव किया गया। शक है कि फरीदाबाद की अलफलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी से पकड़े गए डॉ. मुजम्मिल और उसकी दोस्त डॉ. शाहीन भी पुराने नेटवर्क से जुड़े हैं। डॉ. उमर और डॉ. आदिल भी इसी नेटवर्क से जुड़े थे। उन्हें पिछले कुछ महीनों से एक्टिव कर दिया गया। उसके बाद ही वे अलग-अलग जगहों से विस्फोटक जमा कर रहे थे। डॉ. शाहीन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात उल मोमिनीन का काम संभाल रही थी। उसके पास लड़कियों का ब्रेनवॉश कर नेटवर्क में शामिल करने की जिम्मेदारी थी। नेटवर्क की सबसे अहम महिला सदस्य डॉ. शाहीन सईद जैश सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर से जुड़ी थी।
