Delhi Assembly Elections 2025 : 5 साल में BJP ने बदले 3 CM, 25 साल का वनवास, क्या हैं जीत के आसार…

Delhi Assembly Elections 2025 : इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प मोड़ ले रहा है। आज दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है। यह चुनाव तय करेगा कि दिल्ली का सरताज कौन होगा और कौन दिल्ली की कुर्सी पर राज करेगा। दिल्ली का मुखिया चुनने के लिए आज सुबह 7 बजे से दिल्लीवासी मतदान बूथ पहुंचने लगे और अपना मतदान किया। था चुनाव तीन दलों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है। जहां आदमी पार्टी पार्टी पर दिल्ली की सत्ता बचाने का दबाव है तो वहीं भाजपा और कांग्रेस के सामने दिल्ली में वापसी करने का सुनहरा मौका है। इनमें भाजपा के लिए दिल्ली चुनाव जीतना साख का सवाल है। क्योंकि अगर भाजपा यह चुनाव जीत जाती है तो दिल्ली में पार्टी का 25 साल का इंतज़ार भी खत्म हो जाएगा। आइये अब जानते हैं दिल्ली चुनाव के सियासी गणित क्या कहती है… 

दिल्ली में आप से पहले कांग्रेस का था राज 

दिल्ली की कुर्सी पर कांग्रेस की शीला दीक्षित के बाद आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने साल 2012 के विधानसभा चुनाव को जीतकर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद अब साल दिल्ली में साल 2025 में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। जहां अब भाजपा 25 साल के इंतजार को खत्म करने की पूरी तैयारी कर रही है।

दिल्ली में भाजपा का 25 साल का वनवास 

दिल्ली में सरकार बनाने के लिए भाजपा पिछले 25 साल से लंबा इंतजार कर रही है। दिल्ली में भाजपा की सरकार 1993-1998 तक रही। इस कार्यकाल में भाजपा ने पांच साल के ही अंदर तीन बार मुख्यंत्री बदलें थे। यह प्रमुख कारण था कि तब से लेकर आज तक दिल्ली में भाजपा की सरकार फिर नहीं बन पाई।

दिल्ली में भाजपा ने 5 साल में 3 बार बदले CM 

  • 1993-96 में भाजपा के मदन लाल खुराना मुख्यमंत्री बने। इनका कार्यकाल दो साल 86 दिन रहा।
  • 26 फरवरी 1996-12 अक्टूबर 1998 तक भाजपा के साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री बने। इनका कार्यकाल दो साल 228 दिन रहा।
  • 12 अक्टूबर 1998- 03 दिसंबर 1998 तक भाजपा की सुषमा स्वाराज मुख्यमंत्री बनी। इनका कार्यकाल 52 दिन रहा।
  • 1998-2013 तक कांग्रेस की शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनी। इनका कार्यकाल तीन साल रहा।
  • 28 दिसंबर 2013-14 फरवरी 2014 तक आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने। इनका कार्यकाल 49 दिन रहा।
  • 15 फरवीर 2014 -13 फरवरी 2015 तक दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा रहा।
  • 14 फरवरी 2015 -21 सितंबर 2024 तक आप के दोबारा अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने। इस बार इनका कार्यकाल 9 साल 341 दिन रहा।
  • 21 सितंबर 2024-वर्तमान तक आतिशी मार्लेना एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री बनी जो अब तक हैं।

आप की कमजोरी का भाजपा को फायदा 

वहीं, अब दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 25 साल बाद जीत की उम्मीदें नजर आ रही हैं। अब भाजपा का लंबा वनवास समाप्त होता दिख रहा है। यह स्थिति कई राजनीतिक और सामाजिक कारणों से बनी है। जिनमें पार्टी की रणनीति, राष्ट्रीय मुद्दे, और कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी (AAP) की कमजोरियां शामिल हैं।

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी की सरकार को लेकर बीजेपी लगातार आलोचना कर रही है। खासकर केजरीवाल की सरकार पर भ्रष्टाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में उचित कार्य न करने का आरोप लगाया जा रहा है।
  • बीजेपी ने राष्ट्रीय मुद्दों जैसे पाकिस्तान, आतंकवाद और भारतीय सेना के समर्थन में अपने अभियान को भी जोड़ दिया है। नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी सरकार की ओर से किए गए कार्य, जैसे जन कल्याण योजनाएं, योजनाओं का प्रचार-प्रसार, इन सबको बीजेपी चुनावी माहौल में भुनाने में लगी हुई है।
  • बीजेपी हिंदू मतदाता वर्ग को आकर्षित करने के लिए अपने धर्मनिरपेक्ष छवि को आगे बढ़ा रही है। पार्टी के प्रमुख नेता हिंदू धार्मिक त्योहारों और आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं, जिससे एक बड़े वर्ग को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया जा रहा है।
  • दिल्ली कांग्रेस की संगठनात्मक संरचना कमजोर है और पार्टी में नेतृत्व का संकट साफ तौर पर नजर आता है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच लगातार असंतोष है। इससे पार्टी को एक सशक्त विपक्ष के रूप में उभरने में मुश्किल हो रही है।
  • दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में लगातार कमजोर हुई है। लोकसभा चुनाव 2019 में भी पार्टी की हालत खराब रही, और उसके बाद से पार्टी में कोई बड़ा बदलाव या सकारात्मक परिणाम नहीं आया। इसका असर विधानसभा चुनाव में भी पड़ सकता है।

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