Delhi Air Quality Crisis | दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों में रहने वाले लोगों की चिंता कुछ ज्यादा ही गहरा जाती है, क्योंकि यह इलाका प्रदूषण के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है. लोगों के निजी वाहनों से उड़ने वाले धुएं के इतर हरियाणा और पंजाब के किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली भी प्रदूषण को भयानक बना देती है, जिससे यहां के लोगों के स्वास्थ्य पर असर तो पड़ता ही है, साथ ही उनका जीना भी दूभर हो जाता है।
इसी लिए सरकार दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाकों में एयर क्वालिटी को मैनेज करने के लिए सख्त रुख अपना रही है और इसी कड़ी में सरकार ने पराली जलाने पर लगाए जाने वाले जुर्माने को दोगुना कर दिया है. यानि की अब 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर 30 हजार रुपये जुर्माना देना होगा. वहीं 2 एकड़ से कम जमीन पर जुर्माना 5 हजार होगा. जबकि 2 से 5 एकड़ के बीच जमीन पर जुर्माने की रकम 10 हजार होगी.
भारत सरकार ने इस संबंध में एक गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया है. इस नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि अगर कोई 2 से 5 एकड़ तक में पराली जलाते पकड़ा जाएगा तो उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं साथ ही दूसरी तरफ 5 एकड़ से अधिक पर पराली जलाते पकड़े जाने पर 30 हजार रुपये का का जुर्माना लगाया जाएगा. पहले, जुर्माना क्रमशः 2,500 रुपये, 5,000 रुपये और 15,000 रुपये तय था। जो अब बढ़ कर बिलकुल डबल हो गया है। इसका नोटिफिकेशन गुरुवार यानी 7 नवंबर को जारी किया गया. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत शिकायत दर्ज करने, जांच करने जैसे मामलों में नए नियम जोड़े गए है।
और संशोधित नियमों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत अधिसूचित किया गया है और यह ड्राफ्ट पर बिना किसी के परामर्श तुरंत सार्वजनिक रूप से लागू हो जाएगा। इसके अलावा, सरकार ने पर्यावरण संरक्षण नियम, 2024 के जांच करने और जुर्माना लगाने के तरीके से जुड़ा नोटिफिकेशन भी जारी किया है. इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के कार्यालयों में शिकायत करने की प्रोसेस को डिस्क्राइब किया गया है।