What is Deepfake: महिला पत्रकारों से मशहूर एक्ट्रेसेज तक कोई इससे नहीं बचा. AI घातक क्यों है? Deepfake इसका सबसे सटीक उदाहरण है.
डीप फेक पर बात शुरू करने से पहले एक वास्तविक जीवन पर आधारित कहानी आपको बताते हैं. एक महशूर भारतीय पत्रकार रहीं हैं. औरत हैं. ज़ाहिर सी बात है, ट्रोल होती रहती हैं. मगर बीते साल उनके साथ कुछ ऐसा हुआ था, जिसने उन्हें इतनी बुरी तरह तोड़ दिया, कि वो बेहोश होती रहीं, उल्टियां करती रहीं. हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा.
उनका गुनाह बस इतना सा था कि कठुआ में बच्ची के गैंगरेप हुआ था. उन्होंने रेपिस्टों का सपोर्ट कर रहे लोगों का विरोध किया. परिणाम के तौर पर पहले उनके नाम से Fake Tweet वायरल किए गए. और फिर इंटरनेट पर आया उनका वीडियो. एक ऐसा वीडियो जिसमें वो न्यूड थीं, शारीरिक संबंध बनाती दिखाई दे रहीं थी और अब तक वीडियो उनके अपने मोबाइल तक पहुंच चुका था.
उन्होंने खुद को देखा. उनके पैरों तले जमीन खिसक गई, तुरंत उल्टी आ गई. असल में वीडियो में वो थीं ही नहीं. एक आम से पॉर्न क्लिप में महिला एक्टर के शरीर पर उनका चेहरा ऐड किया गया था. चेहरे का एक्सप्रेशन, सब वीडियो के मुताबिक़ थे. देश में अब तक हजारों-लाखों लोग इस वीडियो को देख चुके थे और सही मान चुके थे, क्योंकि एडिटिंग इतनी सही से की गई थी.
वीडियो में उनका नंबर डाल दिया गया था. और लोग उन्हें मैसेज करने लगे थे. हर जगह, हर मिनट, उनसे उनके जिस्म के खरीदार उन्हें फ़ोन कर उनका रेट पूछ रहे थे.
जब कुछ मिडिया चैनल उनसे बात करने गए तो उन्होंने बताया की-
‘मैं मजबूत हूं. पत्रकार हूं, फेमिनिस्ट हूं. पर उस वक़्त, जब खुद को मैंने अपनी फ़ोन की स्क्रीन पर देखा, कुछ समझ न आया,कुछ काम न आया. मैं डरी हुई थी. घरवालों तक से नजरें नहीं मिला पा रही थी. ये जानते हुए कि इसमें न तो मैं हूं और न ही किसी भी तरीके से मैं गलत हूं.’
ये तो हमने आपको एक कहानी बताई है, न जाने कितनी महिलाए इसका शिकार है. महिला सेलेब्स अक्सर डीपफेक का शिकार होती रहती हैं. जिसका ताजा उदाहरण आप रश्मिका मंधना के वायरल वीडियो से देख सकते हैं.
क्या होता है डीपफ़ेक (Deepfake)?
What is Deepfake in hindi: डीपफ़ेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक हिस्सा है. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को सरल शब्दों में समझे तो एक ऐसी तकनीक जो अपने विवेक से काम कर सकती है. उदाहरण के लिए समझते हैं. जैसे- आप गूगल असिस्टेंट से कह दिए कि म्यूजिक बजाओ और आपको कुछ नहीं करना होगा, म्यूजिक चलने लगेगा. कुलमिलाके इंसानी दीमग के जितना करीब हो, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस उतनी बढ़िया मानी जाएगी।
अब आते हैं डीपफ़ेक पर डीपफ़ेक ह्यूमन इमेज सिन्थेसिस ‘Human Image Synthesis’ नमक टेक्नोलॉजी पर काम करता है. जैसे हम किसी भी चीज की फोटो कॉपी करवा लेते हैं. वैसे ही टेक्नोलॉजी चलती-फिरती चीजों का कॉपी कर सकती है। मतलब की स्क्रीन पर आप एक ऐसे इंसान को चलते-फिरते देख सकते हैं जो एकदम असली जैसा लगे लेकिन वो फेक है.
मतलब इस तकनीक से बनी एप्स बेहद डेंजर हैं. इसमें किसी ऐसे व्यक्ति का चेहरे पर दूसरे का चेहरा लगाया जा सकता है. न सिर्फ चेहरा यूज किया जा सकता बल्कि उसके निचे वाले चेहरे के एक्सप्रेशन को हूबहू देखा जा सकता है.
Deepfake कैसे बनाए जाते हैं?
How are Deepfake made: Deepfake वीडियो बनाने के लिए सबसे पहले जिसका वीडियो बनाना है उसकी असली फ़ोटोज़ और वीडियोज को Deepfake वीडियो बनाने के लिए तैयार किए गए टूल में डाल दिया जाता है. यहाँ Encoder और Decoder को यूज भी किया जाता है. आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस यानि AI इन फ़ोटोज और वीडियोज को एनालाइज करता है.
Fake को भी Real समझ बैठेंगे
Deepfake में किसी भी इमेज, वीडियो और ऑडियो को manipulate या छेड़छाड़ करके उससे अपने मन मुताबिक बनाया जाता है. किसी भी लीडर या सेलिब्रिटी के स्पीच को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड टूल के जरिए पूरी स्पीच चेंज की जा सकती है. और इतने शातिर अंदाज से की आपको लगेगा कि स्पीच असली है.
इसके लिए चेहरे और हावभाव को पढ़ कर अलग-अलग जगहों पर उस लीडर द्वारा दी गई स्पीच को इकट्ठा किया जाता है. और इसके बाद आर्टिफीशियल इंटेलिजेन्स बेस्ड टूल के जरिए इसे ट्रीट किया जाता है.
इसके बाद उस लीडर या स्लेब्रिटी की आवाज को लेकर उससे अलग-अलग हिस्सों में बाँटा जाता है और फिर इसे अपने मन मुताबिक कॉन्टेक्स्ट देने के लिए मिला कर लिपसिंग कर दिया जाता है. हम देखने वाले को लगता है कि वो लीडर या सेलिब्रिटी अपनी स्पीच में वही कह रहा है जो हम सुन रहे हैं. मगर इससे भी खतरनाक एक चीज है जिसे कहते हैं रिवेंज पोर्न
रिवेंज पोर्न क्या है?
what is revenge porn: रिवेंज का हिंदी अर्थ होता हैं बदला, अक्सर ऐसा होता हैं कि ब्रेकअप होने के बाद, अपने पार्टनर को बदनाम करने के लिए लड़का या लड़की उसकी प्राइवेट तस्वीरें सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर शेयर देते हैं. अक्सर ये असली तस्वीरों के इस्तेमाल से होता है. कपल जब रिलेशनशिप में होते हैं तो एक-दूसरे के साथ इंटिमेट इमेजेस क्लिक करवाने में लिहाज नहीं करते. ज़ाहिर सी बात है कि कोई भी रिस्ता इस सोच के साथ शुरु नहीं करता कि धोखा मिलेगा.
मगर जो कपल्स ऐसा न भी करे तो, उसके लिए Deepfake पूरी सहूलियत देता है. इसकी शिकार लड़कियां ज्यादा होती दिखती हैं. क्योंकि लोग लड़कियों के शरीर को लड़कों की तुलना में न्यूड देखने की ज्यादा इच्छा रखते हैं. दूसरी बात ये भी, कि ‘इज्जत’ खोने का डर लड़की को ज्यादा होता है.
बढ़ती और बेहतर होती टेक्नोलॉजी, जहां एक ओर औरतों की public safety में एक बड़ी भूमिका अदा कर सकती है, और बहुत हद तक निभा भी रही है. वहीं दूसरी ओर यही technology उन्हें ठीक उतना ही कमज़ोर बना रही है, जितना वो टेक्नोलॉजी के इस युग के पहले थीं.
अगर आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल लड़कियों को न्यूड करने के लिए किया जाता रहा. तो इसे फ्रैंकेंस्टाइन्स मॉन्स्टर ही पुकारना पड़ेगा। फ्रैंकेंस्टाइन्स मॉन्स्टर एक काल्पनिक चरित्र है जो पहली बार मैरी शेली के 1818 के उपन्यास में दिखाई दिया था. मैरी शेली एक अंग्रेजी उपन्यासकार थी.