CM Bhajan Lal received death threat: धमकी देने वाले ने स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री को निशाना बनाने की बात कही। यह पहली बार नहीं है जब भजनलाल शर्मा को इस तरह की धमकी मिली है। इससे पहले फरवरी 2025 में दौसा की श्यालावास जेल से दो बार धमकी भरे कॉल आए थे, जिसके बाद जेल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की गई थी।
Rajasthan News in Hindi: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है, जिसने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना हाल के महीनों में उनकी सुरक्षा को लेकर बार-बार सामने आ रही चिंताओं को और गहरा करती है। पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है, और मुख्यमंत्री की सुरक्षा को और सख्त कर दिया गया है।
जेल से भी मिल चुकी हैं धमकियां
जानकारी के अनुसार, यह धमकी जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम में प्राप्त हुई। धमकी देने वाले ने स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री को निशाना बनाने की बात कही। यह पहली बार नहीं है जब भजनलाल शर्मा को इस तरह की धमकी मिली है। इससे पहले फरवरी 2025 में दौसा की श्यालावास जेल से दो बार धमकी भरे कॉल आए थे, जिसके बाद जेल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा, मार्च 2025 में बीकानेर सेंट्रल जेल से भी उन्हें धमकी मिली थी, जिसने राज्य की जेल सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया था।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
धमकी मिलने के बाद राजस्थान पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। पुलिस प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए धमकी के स्रोत का पता लगाने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। जयपुर पुलिस ने संदिग्धों की तलाश तेज कर दी है, और यह भी जांच की जा रही है कि क्या यह धमकी किसी संगठित अपराधी गिरोह या व्यक्तिगत रंजिश से जुड़ी है। इसके साथ ही, खेल परिषद अध्यक्ष नीरज पवन को भी हाल ही में धमकी मिली थी, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है। पुलिस ने मुख्यमंत्री के आवास और कार्यालय के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है। साथ ही, उनके काफिले और सार्वजनिक कार्यक्रमों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
कानून-व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने राजस्थान की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी नेताओं ने इसे सरकार की विफलता करार दिया है। कांग्रेस नेता टीका राम जूली ने इसे “प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर करारा तमाचा” बताया, जबकि गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे “भाजपा के जंगलराज” का सबूत कहा। सोशल मीडिया पर भी लोग इस मुद्दे पर सक्रिय हैं, और कई यूजर्स ने कड़े कानूनों की मांग की है।
पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां
फरवरी 2025: दौसा जेल से दो बार धमकी भरे कॉल आए, जिसके बाद जेलर को हटा दिया गया और दो जेलकर्मियों को निलंबित किया गया।
मार्च 2025: बीकानेर सेंट्रल जेल से धमकी मिली, जिसके बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
जुलाई 2024: दौसा जेल से पहली बार धमकी मिली थी, जिसने जेलों में मोबाइल फोन के उपयोग पर सवाल उठाए।
सुरक्षा विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि जेलों से बार-बार धमकी भरे कॉल आना एक गंभीर सुरक्षा चूक है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि जेलों में जैमर सिस्टम को और प्रभावी करने, कैदियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने और पुलिस-जेल प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है।