2018 में दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ऐसी घटना घटी जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया एक ऐसा परिवार जो रात तक बिल्कुल हंसी खुशी जीवन जी रहा था, लेकिन सुबह मिली घर के 11 लोगों की फांसी के फंदे में लटकी हुई लाशें मानो जैसे हर एक ने एक साथ खुदकुशी कर ली हो। ये जानना बेहद मुश्किल था कि आखिर एक रात में ऐसा क्या हुआ? क्या ये आत्महत्या थी या फिर एक सोची समझी साजिश? जानते है इस विचलित कर देने वाली घटना के बारे में।
क्या हुआ उस दिन?
1 जुलाई 2018 सुबह जब घर से कोई सदस्य बाहर नहीं आया बच्चे स्कूल के लिए नहीं गए और दूध का पैकेट घर के बाहर ही पड़ा हुआ था। तब पड़ोसियों को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को बुलाया लेकिन जब पुलिस अंदर गई तो नज़ारा चौका देने वाला था। घर का हर एक सदस्य की लाश एक अजीब सी मुस्कान के साथ घर की छत पर लगे फांसी के फंदे से लटकी हुई थी और कमरे में एक बुजुर्ग जो बेड पर ही मरी हुई पड़ी थी। लेकिन घर में चोरी चकारी या घुसपैठ के कोई निशान मौजूद नहीं थे मौजूद थे तो वो लाशें जिनके हाथ बंधे थे कुर्सियां एक ही ओर गिरी हुई थी और मुंह पर सफेद कपड़ा बंधा हुआ था साथ ही एक रजिस्टर था जिसमें था इस पहेली का जवाब।
रजिस्टर ने खोला मौत का राज़
पुलिस ने हर तरीके की कोशिश करली लेकिन हत्या के एक भी सबूत हाथ नहीं आए जिससे ये तो कन्फर्म हो गया था कि ये मर्डर नहीं है तो फिर क्यों ये पूरा परिवार फांसी के फंदे पर हंसता हुआ लटक गया। जब पुलिस ने केस की जांच हर पहलू से कर ली तब एक ऐसा पहलू सामने आया जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। पुलिस ने लाश के पास जो रजिस्टर मिला था उसे खंगाला जिसमें लिखा था “जब तुम लटकते हो, तब ही मोक्ष मिलता है “आंखों पर पट्टी बांधो, डर मत पापा आएंगे तुम्हें बचाने”
ये सब बातें भाटिया परिवार के बेटे ललित की लिखावट में थीं, जो दावा करता था कि उसके मरे हुए पिता की आत्मा उससे बात करती है। तब इस बात का खुलासा हुआ कि ये सारा मामला अंधविश्वास का था।