न्याजिया बेगम
Death anniversary of lyricist Dev Kohli: आज हम बात कर रहे हैं कवि और गीतकार देव कोहली जी की जिन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में सैकड़ों गाने लिखें हैं और हमें उम्मीद है की उनमें से कुछ गाने तो आपके भी फेवरेट होंगे जैसे, माये नि माये, या फिर ये काली काली आंखें। और शायद कुछ गाने तो ऐसे होंगे जो हमारे पसंदीदा गानों की फेहरिस्त में शामिल हैं मगर हमें याद नहीं रहता कि उन्हें देव कोहली जी ने लिखा है ,उनके पिरोए बोलों का ताना बाना हर दिल के क़रीब लगता है । 2 नवंबर 1942 को रावलपिंडी, ब्रिटिश भारत यानी वर्तमान पाकिस्तान में एक सिख परिवार में जन्में देव कोहली, भारत विभाजन के बाद अपने परिवार के साथ भारत के देहरादून शहर में रहने के लिए आए थे यहीं से उन्होंने अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की और 1964 को फिल्मों में काम की तलाश में वो मुंबई चले आए।
फिल्म गुंडा से करियर की शुरुआत
मुंबई में कुछ सालों बाद उनकी मेहनत रंग लाई और 1969 में फिल्म गुंडा से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। 1971 की फिल्म” लाल पत्थर “में उनका लिखा नग़्मा ‘गीत गाता हूं मैं’ बेहद लोकप्रिय हुआ था। फिर उन्होंने 1970 और 1980 के दशक में कई फिल्मों के लिए गीत लिखे। पर हम सब शायद ग़ौर नहीं कर पाए फिर 1989 की फिल्म “मैंने प्यार किया ” के गीतों ने ऐसा हमारा ध्यान उनकी ओर आकर्षित किया कि इन गीतों के साथ उन्होंने हिन्दी फिल्म जगत में अपना एक अलग मकाम हासिल कर लिया । जिसमें ‘आते जाते हँसते गाते, ‘कबूतर जा जा’, ‘आजा शाम होने आई’, ‘मैंने प्यार किया’ और ‘कहे तो से सजना’ जैसे गाने बहोत हिट हुए। 1990 के दशक में, उन्होंने अनु मलिक के साथ भी काम किया, उनके लिए उन्होंने बाजी़गर (1993) में ‘ये काली काली आंखें’ और इश्क (1997) में ‘देखो देखो जानम हम’ जैसे गाने लिखें जो आज भी पसंद किए जाते हैं । पर फिल्मों के लिए उनकी कलम की रफ्तार अब कम होने लगी थी और एक अज़ीम शायर उम्दा नज़्म की तलाश में 26 अगस्त 2023 को 80 बरस की उम्र में हमसे बहोत दूर चला गया ।
फिल्मफेयर में कई गीतों के लिए नामांकित किया गया
सर्वश्रेष्ठ गीतकारके रूप में आपको फिल्मफेयर पुरस्कार में कई गीतों के लिए नामांकित किया गया जिनमें ख़ास थे “आते जाते हँसते गाते” — फिल्म ,मैने प्यार किया से , “ये काली काली आंखें” — बाज़ीगर से और “हम आपके हैं कौन” — फिल्म हम आपके हैं कौन..!से । आज अगर वो इस जहां में होते तो दिलनशीं नग़्मों का ये दौर न थमता ,पर वो इन अल्फाजो़ं के ताने बाने में हमेशा हमारे साथ गुनगुनाएगें हमेशा जावेदा रहेंगे ।