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DAWOOD IBRAHIM DEATH NEWS: “पल में तोला पल में माशा कितने रंग बदलता है?”

DAWOOD IBRAHIM DEATH NEWS

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DAWOOD IBRAHIM DEATH NEWS: हर रोज की तरह 18 दिसंबर 2023 को भी पूरी दुनिया सोशल मीडिया के आगोश में थी कि तभी एक सनसनी खबर सभी ओर आग की तरह फैली. खबर कुख्यात आतंकी दाऊद इब्राहिम से जुडी हुई थी. भारत में लगभग सभी ओर यह बात फ़ैल गयी कि आतंकी दाऊद पाकिस्तान में अपनी आखिरी सांस गिन रहा है. हर बार की तरह इस बार भी इस खबर का कोई पुख्ता सबुत नहीं था पर हर बार की तरह इस बार भी लोगों ने इस खबर पर पूरा विश्वास किया. भारत के लोग फिरसे एक बार यह मान बैठे थे कि पकिस्तान में रहने वाला आतंकी दाऊद इब्राहिम अब मर चुका है. पर इस खबर को झूठा सिद्ध होने में मुश्किल से 24 घंटे भी नहीं लगा.

कैसे फैली दाऊद के मरने की झूठी कहानी

1993 के मुंबई ब्लास्ट में शामिल दाऊद इब्राहिम के मरने की खबर पाकिस्तानी जर्नलिस्ट आरज़ू काज़मी के एक वीडियो से फैली. जिसमे वो यह बोलते दिख रहीं है “सुनने में आ रहा है कि दाऊद इब्राहिम को किसी ने जहर दे दिया है। उसकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई है और हालत बहुत नाजुक है। उसे कराची के किसी हॉस्पिटल में रखा गया है। ये खबर सोशल मीडिया पर गर्दिश कर रही है और ये बात कहां तक सही है, फिलहाल मालूम नहीं।”

काज़मी अपने वीडियो में आगे यह बोलते हुए दिखती हैं की कोई भी इस खबर की पुष्टि नहीं करेगा. अगर कोई ऐसा करता है या ऐसा करने की सोचता भी है तो इसका अंजाम यहाँ बहुत बुरा हो सकता है. आरजू के इस बयान से ही पकिस्तान के मौजूदा हालात का जायजा लगाया जा सकता है. यह स्पस्ट रूप से समझा जा सकता है कि पकिस्तान किस प्रकार शुरू से ही आतंकियों को शरण देते आ रहा है.

पहले भी फ़ैल चुकी है दाऊद के मौत की खबर

आपको बता दें की ऐसा पहली बार नहीं है जब दाऊद के मरने की खबर को इतने रहस्यमय तरीके से फैलाया गया है. इससे पहले भी तीन बार इसके मरने की झूठी अफवाह फ़ैल चुकी है. साल 2016 में पहली बार मीडिया रिपोर्ट्स में यह दवा किया गया कि चोट लगने से दाऊद के पैर में गैंग्रीन हो गया है जिससे पैर काटने की नौबत आ गयी है. बाद में खबर झूठी निकली. फिर 2017 में यह दावा किया गया कि ब्रेन ट्यूमर की वजह से करांची के कम्बाइंड मिलिट्री अस्पताल में उसकी भर्ती कराई गयी जहां हार्ट अटैक की वजह से उसकी मृत्यु हो गयी पर बाद में यह दावा भी झूठा निकला.

2016-17 के बाद फिरसे 2020 में यह खबर फैलाई गयी किपति और पत्नी दोनों के कोविद पॉजिटिव होने से दौड़ की जान चली गयी. लेकिन इस खबर का भी हाल पिछले दो दावों जैसा ही रहा.

भारत के लोगों को कैसे हुआ झूठी खबर पर विश्वास

बात 18 दिसंबर की ही हैं मौत की सनसनी फैलने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और मौजूदा केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़ के ऑफिसियल X अकाउंट से किये हुए एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट वायरल होने लगा. जिसमे उन्होंने मौत के खबर की पुष्टि की थी. लेकिन पड़ताल में यह पता चला कि ये ट्वीट एक फेक और भ्रामक ट्वीट था. आपको बता दें कि पाकिस्तानी मेनस्ट्रीम मीडिया में भी दाऊद के मरने की कोई खबर नहीं चलायी गयी लेकिन फिर भी भारतियों ने यह विश्वास कर लिया की दाऊद मर गया है. इसके पीछे मात्र एक ही कारण है और वो यह है कि भारत के लोग देश के गद्दार के मरने का वर्षो से इंतजार कर रहें हैं जिसे आज भी पाकिस्तान पनाह दिए बैठा है.

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