Cyber fraud auto FIR System- Cyber Crime अपने चरम पर है, आप एक अपराध के बारे में जानेंगे की उससे अलग नया तरीका ढूंढ लेंगे ये अपराधी और आपको चूना लगा देंगे. अब अगर किसी ने आपके साथ ठगी कर ली है, तो आपको थाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. भारत सरकार ने एक नया सिस्टम e-Zero FIR लॉन्च किया है. यह सिस्टम खुद-ब-खुद आपकी शिकायत को FIR में बदल देगा.
यह नई सुविधा फिलहाल दिल्ली में शुरू की गई है, लेकिन जल्दी ही पूरे देश में शुरू की जाएगी. यह नई व्यवस्था खासतौर पर बड़ी साइबर ठगी के मामलों को तुरंत जांच के दायरे में लाने के लिए बनाई गई है. अब अगर आप NCRP पोर्टल या 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत करते हैं, और मामला 10 लाख रुपये से ऊपर का है, तो आपकी शिकायत अपने आप FIR में तब्दील हो जाएगी.
साइबर अपराधियों के खिलाफ होगी तेज कार्यवाही
गौरतलब है कि, यह पहल गृह मंत्रालय के तहत काम कर रहे I4C (इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर) ने शुरू की है. गृहमंत्री शाह ने बताया कि इस कदम से साइबर अपराधियों के खिलाफ पहले से कहीं ज्यादा तेजी से कार्रवाई हो सकेगी. सरकार का मकसद है – एक साइबर-सुरक्षित भारत बनाना, जहां डिजिटल धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा न जाए. और इसका असर वाकई देखने को मिलेगा.
Auto FIR सिस्टम कैसे काम करेगा और शिकायत कहां करें
आपको बताएं अगर आपके साथ 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की साइबर धोखाधड़ी हुई है, तो आप दो जगह शिकायत दर्ज कर सकते हैं: – राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930.
ऑटोमैटिक FIR कैसे बनेगी?
आप जैसे ही शिकायत दर्ज करते हैं, सिस्टम अपने आप एक Zero FIR तैयार कर देगा. यह FIR ई-क्राइम पुलिस स्टेशन, दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक रूप से दर्ज होगी.
आखिर क्या होती है Zero FIR?
आपको बता दें की Zero FIR एक ऐसी FIR होती है जिसे किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज किया जा सकता है, भले ही अपराध उस जगह का न हो. बाद में इसे संबंधित क्षेत्र के पुलिस स्टेशन को भेज दिया जाता है. शिकायतकर्ता को 3 दिनों के अंदर अपने नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में जाना होगा और इस Zero FIR को नियमित FIR में बदलवाना होगा. इससे कानूनी कार्रवाई जल्दी शुरू हो सकेगी.
वर्तमान में यह व्यवस्था सिर्फ दिल्ली में
गौरतलब है कि यह व्यवस्था फिलहाल दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हुई है. आगे चलकर इसे देश के बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी लागू किया जाएगा. सरकार का उद्देश्य साइबर-सुरक्षित भारत बनाना है.