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बैंक की गलती की सजा भुगतेंगे ग्राहक, 1 जुलाई से होगा बदलाव!

अगर आप क्रेडिट कार्ड यूजर हैं तो आपको झटका लग सकता है, 1 जुलाई से कुछ प्लेटफॉर्म के जरिए अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना मुश्किल हो सकता है

भुगतान करना आपके लिए मुश्किल

जून खत्म होने में कुछ ही दिन बचे हैं। 1 जुलाई से सभी क्रेडिट कार्ड (CREDIT CARD) बिल भुगतान भारत बिल पेमेंट सिस्टम यानी BBPS के माध्यम से किया जाना चाहिए। साथ ही लक्ष्य भुगतान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और इसकी सुरक्षा बढ़ाना है। कुछ प्लेटफार्मों के माध्यम से अपने क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान करना आपके लिए  मुश्किल हो सकता है। इनमें CRED, PhonePe, BillDesk जैसे कुछ प्रमुख फिनटेक शामिल हैं। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने आदेश दिया है कि 30 जून के बाद सभी क्रेडिट कार्ड भुगतान भारत बिल भुगतान प्रणाली के माध्यम से किए जाने चाहिए।

रिपोर्ट के मुताबिक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ने अभी तक बीबीपीएस को सक्रिय नहीं किया है। आज तक इन बैंकों ने निर्देशों का पालन भी नहीं किया है। अभी तक केवल 8 बैंकों ने BBPS में बिल भुगतान विकल्प सक्रिय किया है।

नए नियमों से प्रभावित हो सकते हैं

अगर आप क्रेडिट कार्ड यूजर हैं तो आपको झटका लग सकता है। 1 जुलाई से कुछ प्लेटफॉर्म के जरिए अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना मुश्किल हो सकता है। क्रेड (CRED), फोनपे (PhonePe), बिलडेस्क कुछ प्रमुख फिनटेक हैं जो आरबीआई के नए नियमों से प्रभावित हो सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने निर्देश दिया है कि 30 जून के बाद सभी क्रेडिट कार्ड भुगतान भारत बिल भुगतान प्रणाली यानी बीबीपीएस के माध्यम से किए जाएं।

उपयोगकर्ताओं को इसकी वजह से समस्याएं

15 मार्च 2024 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने नए नियम जारी किए जो 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू होंगे। ट्राई का दावा है कि नियमों में बदलाव से धोखाधड़ी के मामलों को रोका जा सकता है। हालांकि, नियमित उपयोगकर्ताओं को इसकी वजह से समस्याएं आ सकती हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी तीन अधिसूचनाओं के अनुसार, नए कानूनों के प्रावधान 1 जुलाई से लागू होंगे। ये कानून औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह लेंगे। तीनों विधेयकों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिली थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी 25 दिसंबर को इन कानूनों पर अपनी सहमति दे दी. फिर 164 साल पुराने आपराधिक कानून को बदला गया।

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