MP News: नाइट मार्केट को लेकर व्यापारियों में उत्सुकता के साथ सुरक्षा की चिंता, जानिए क्या कहना है व्यापारियों का

night market
Curiosity among traders regarding night market:प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 16 शहरों में 24 घंटे बाजार खोलने की घोषणा के बाद से व्यापारियों में इसको लेकर चर्चा तेज है। नाइट मार्केट के प्रस्ताव में कहा गया है कि नगर निगम और औद्योगिक क्षेत्रों के दायरे में आने वाले शॉपिंग मॉल, मुख्य बाजार, रेस्टोरेंट, बिजनेस सेंटर्स आदि अब 24 घंटे खोले जा सकेंगे। सरकार ने कहा है कि श्रम कानूनों में संशोधन कर रात में भी दुकानों के संचालन के लिए जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। पहले चरण में कहा गया है कि सभी नगर निगम वाले शहरों में शुरुआत होगी। जिसमें रीवा, सतना, सिंगरौली, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, छिंदवाड़ा, रतलाम, उज्जैन, कटनी, खंडवा, बुरहानपुर, देवास, मुरैना आदि में लागू होगा। हालांकि इंदौर के कुछ हिस्सों में इसकी शुरुआत पहले से ही की जा चुकी है। सरकार के नाइट मार्केट के प्रस्ताव की जानकारी सामने के आने के बाद व्यापारियों के साथ ही आम लोगों में भी उत्सुकता है कि आखिर किस क्षेत्र में और किस तरह के बाजार रात्रि में खोलने की अनुमति मिलेगी।

इसे भी पढ़ें : तेल बिगाड़ेगा खेल: राज्य के लोगों को लगेगा महंगाई का एक और झटका!

प्रस्ताव में इन शर्तों का उल्लेख
सरकार की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव का जो प्रारूप सामने आया है, उसमें कहा गया है कि रेस्टोरेंट, मॉल, आईटी पार्क, मुख्य बाजार 24 घंटे खोले जा सकेंगे। इसमें बार, पब, डिस्को क्लब और शराब, भांग की दुकानों पहले की तरह अपने निर्धारित समय तक ही खोली जा सकेंगी। 24 घंटे बाजार खोलने के लिए श्रम विभाग के नियमों का पालन करना होगा। इसमें आठ घंटे की तीन शिफ्ट में काम किया जाएगा। इसी हिसाब से कर्मचारियों का वेतन निर्धारित होगा। एक सप्ताह में एक व्यक्ति से अधिकतम 48 घंटे ही काम ले सकेंगे।

रात्रिकालीन मार्केट में समस्या और फ़ायदे
रात्रि के समय बाजार क्षेत्र या शॉपिंग माल खोले जाने से यहां पर पर्याप्त संख्या में ग्राहकों की समस्या भी हो सकती है। रीवा जैसे छोटे शहरों के व्यापारियों के मुताबिक हर दिन आधे से अधिक ग्राहक गांवों से आकर खरीदी करते हैं। यह उन शहरों के लिए उपयुक्त होता है जहां पर इंडस्ट्रियल एरिया, टूरिज्म, मेडिकल और एजुकेशन हब हो। हालांकि कुछ व्यापारियों का यह भी कहना है कि रात्रिकालीन मार्केट से रोज़गार के साधन बढ़ेंगे। शहरों की आबादी के साथ व्यापारियों का परिवार भी बढ़ रहा है, इस कारण दो शिफ्ट में वह एक ही प्रतिष्ठान से काम कर सकेंगे। इससे कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी तो रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे। हालांकि रात्रिकालीन मार्केट में सुरक्षा व्यवस्था भी जरूरी है।

Visit our youtube channel: shabd sanchi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *