Cryptocurrency Haram Or Halal In Hindi: भारत सरकार, क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक व्यापक नियामक ढांचा तैयार कर रही है, लेकिन सऊदी अरब के शोधकर्ता एक अलग क्रिप्टो मुद्दे में बहस कर रहे हैं जिसका विषय है :क्रिप्टोकरेंसी हराम है या हलाल?
क्या है क्रिप्टोकरेंसी?
तो आइए पहले समझ लेते हैं कि ये क्रिप्टोकेरेंसी है क्या, तो हम आपको बता दें कि क्रिप्टो’ का शाब्दिक अर्थ होता है “छुपा” हुआ। आमतौर पर दुनिया की सभी मुद्रा / करेंसी किसी न किसी देश की तरफ से जारी होती है, और देश की केन्द्रीय सरकारें अपने बैंकों की मदद से उन्हें नियंत्रित भी करती हैं। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है ,क्रिप्टो करेंसियों में एक प्रमुख नाम है ,बिटकॉइन, जो दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है, ये दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही हैं।
क्रिप्टोकेरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है और इसमें कोई सिक्के या नोट नहीं होते हैं जिससे इसकी जालसाज़ी या दोहरा खर्च लगभग असंभव हो जाता है। क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत नेटवर्क पर मौजूद होती हैं जो ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करती हैं जिसमें एक वितरित बहीखाता होता है जो कंप्यूटरों के नेटवर्क द्वारा सुरक्षित होता है। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो लेन-देन सत्यापित करने के लिए बैंकों पर निर्भर नहीं करती। यह एक पीयर-टू-पीयर प्रणाली है जो किसी को भी, कहीं से भी, भुगतान भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।
कहां मौजूद होती है आपकी ये करेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल रूप में मौजूद होती हैं क्योंकि ये कंप्यूटर द्वारा बनाई जाती हैं और कोड के निजी टुकड़ों के रूप में काम करती हैं। इसलिए इनके विनिमय के साधन पूरी तरह से डिजिटल होते हैं। इसके विपरीत, कागजी मुद्रा डिजिटल और भौतिक दोनों रूपों में मौजूद हो सकती है। इसलिए साधारण इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन की तुलना में क्रिप्टोकरेंसी सुरक्षित और गोपनीय है क्योंकि ये किसी भी उपयोगकर्ता खाते से असंबद्ध हैं।
मुसलमानों की चिंता | Cryptocurrency Haram Or Halal In Hindi:
कुछ रिपोर्टों की मानें तो बिटकॉइन के 2009 में लॉन्च होने के बाद से क्रिप्टोकरेंसी ने डिजिटल लेनदेन में एक बड़ा बदलाव कर दिया है। लेकिन मुसलमान इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि क्या इस्लामी कानून के तहत क्रिप्टो ट्रेडिंग हलाल है या हराम। कुछ विद्वानों का कहना है कि यदि सही तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाए तो क्रिप्टो को भी इस्लाम में कुबूल किया जा सकता है और कुछ ने इसके जोखिमों के कारण इसे हराम माना है।
इस्लाम किन बातों से मना करता है
Cryptocurrency Haram Or Halal In Hindi: सट्टा या ब्याज-आधारित लेनदेन – इस्लाम में हराम हैं। सट्टा या भाग्य के खेल की अनुमति नहीं है इसमें ये कहता है कि आपको भाग्य या लॉटरी जैसे सट्टेबाज़ी से पैसा नहीं कमाना चाहिए। लेनदेन में वास्तविक संपत्ति और नैतिक व्यापार सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए। आदर्श रूप से, लेनदेन में वास्तविक वस्तुएँ या सेवाएँ शामिल होनी चाहिए।
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इस्लामी वित्त में क्रिप्टोकरेंसी देती है चुनौतियां
क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित डिजिटल मुद्रा है, जिसका नियंत्रण किसी बैंक या सरकार के पास नहीं है। ये केवल ऑनलाइन उपलब्ध है, और इसके लेन-देन ब्लॉकचेन नामक एक सार्वजनिक बहीखाते में दर्ज होते हैं, जिससे क्रिप्टोकरेंसी के हराम होने की वैधता पर सवाल उठते हैं।
इसमें कोई भौतिक सिक्का या कागज़ नहीं है; लोग मूल्य हस्तांतरण के लिए डिजिटल वॉलेट और नेटवर्क कुंजियों का उपयोग करते हैं। चूँकि क्रिप्टो नया और तकनीकी है,इसलिए ये बहस छिड़ रही है कि शरिया कानून के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी हलाल है या हराम फिर ये पारंपरिक मुद्रा जैसे – रुपया ,डॉलर या सोना से अलग है यानी पूरी तरह से डिजिटल है और कई बार अस्थिर भी हो जाती है, इसलिए इस्लामी वित्त के अनुपालन के लिए चुनौतियाँ पेश करती है।
कुछ फतवे और दावे
Cryptocurrency Haram Or Halal In Hindi: क्रिप्टो हराम है या हलाल, इस बारे में मुस्लिम विद्वानों के बीच अलग-अलग राय है। कुछ इस्लामी विद्वानों का कहना है कि क्रिप्टो हराम यानी निषिद्ध है क्योंकि यह शरिया नियमों का उल्लंघन करता है, कुछ कहते हैं कि अगर सावधानी से इस्तेमाल किया जाए तो यह हलाल या इस्लाम के नियमों के, उसकी अनुमति के योग्य हो सकता है।
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सीरियन इस्लामिक काउंसिल द्वारा 2019 के एक फतवे ने स्पष्ट रूप से क्रिप्टोकरेंसी ” को हराम घोषित किया और कई कारणों के साथ एक वजह ये भी बताई कि इसकी कीमतें बेतहाशा बढ़ या घट भी जाती हैं, इसलिए ये उच्च जोखिम वाला” है, इसी तरह, इंडोनेशिया की राष्ट्रीय परिषद (मजलिस उलमा इंडोनेशिया) ने घरार यानी अनिश्चितता और मेसिर यानी एक दांव का हवाला देते हुए क्रिप्टो ट्रेडिंग पर रोक लगा दी, जिससे इस बहस का ये पहलू मज़बूत हो गया कि क्रिप्टोकरेंसी हराम है।
मिस्र में, ग्रैंड मुफ्ती शॉकी अल्लाम ने शरिया अनुपालन के संबंध में डिजिटल मुद्रा के निहितार्थ को संबोधित किया है। मुसलमानों को चेतावनी दी और कहा कि इसकी “अनिश्चितता का उच्च स्तर” और “अस्थिरता” लोगों के धन को जोखिम में डालती है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि क्रिप्टो का इस्तेमाल अक्सर अपराधियों द्वारा इसकी गुमनामी के कारण किया जाता है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग की चिंताएं बढ़ जाती हैं।
दूसरी ओर क्रिप्टोकेरेंसी को हलाल क्यों कहा जा रहा है
कुछ विद्वान इसे “हलाल” भी कह रहे हैं और इस्लामी कानून के डिफ़ॉल्ट नियम की ओर इशारा करते हुए कहते हैं क्रिप्टोकरेंसी को वैध वस्तुओं के रूप में देखा जा सकता है अगर उनके लाभ शरिया क़ानून के साथ उलझते या संघर्ष नहीं करते हैं।
मलेशिया की शरिया सलाहकार परिषद (देश का शीर्ष इस्लामी वित्त बोर्ड) ने ये दृष्टिकोण अपनाया और 2020 में, इसने प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं के रूप में वर्गीकृत किया, मुद्राओं के रूप में नहीं। इस वजह से, चार लोकप्रिय सिक्कों (जैसे बिटकॉइन और एथेरियम ) को शरिया-अनुपालन के रूप में पहचाना गया। इसलिए कुछ परियोजनाएं “हलाल क्रिप्टो” बनाने की कोशिश कर रही हैं।
इस सबके बावजूद
क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता स्पष्ट दिखाई दे रही है जिसकी वजह से क्रिप्टो विनिमय का एक मान्यता प्राप्त माध्यम बन गया है।
इसलिए स्पष्ट है कि अगर कुछ क्रिप्टो ट्रेडिंग, इस्लामी वित्तीय सिद्धांतों का पालन करती है, तो वे हलाल हो सकती हैं, तो अगर आप मुसलमान हैं और सोच रहे हैं: क्या इस्लामी क़ानून के तहत क्रिप्टो ट्रेडिंग हलाल है या हराम?तो हम आपको बतादें की अभी तो विद्वानों की राय कुछ मिली जुली लग रही है कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहा है ।