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Bihar News: नवादा में अंधविश्वास की क्रूरता, बुजुर्ग की हत्या, पत्नी गंभीर रूप से घायल

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Nawada Mob Lynching: भीड़ ने 70 वर्षीय गया मांझी और उनकी पत्नी समुंद्री देवी पर डायन होने का आरोप लगाकर बेरहमी से मारपीट की। इस क्रूर हमले में गया मांझी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि समुंद्री देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं।

Nawada Mob Lynching: नवादा जिले के हिसुआ थाना क्षेत्र के पांचू गढ़ मुसहरी में अंधविश्वास ने एक दिल दहलाने वाली घटना को अंजाम दिया। भीड़ ने 70 वर्षीय गया मांझी और उनकी पत्नी समुंद्री देवी पर डायन होने का आरोप लगाकर बेरहमी से मारपीट की। इस क्रूर हमले में गया मांझी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि समुंद्री देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। भीड़ ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए दंपती का सिर मुंडवाया, सिर पर चूना लगाया और जूते-चप्पलों की माला पहनाकर उन्हें पूरे गांव में घुमाया। दंपती ने रहम की भीख मांगी, लेकिन भीड़ ने उनकी एक न सुनी।

जानकारी के अनुसार, कुछ ग्रामीणों ने डायल 112 को सूचना दी, लेकिन शुरुआती कार्रवाई नाकाफी रही, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन भीड़ की आक्रामकता को देखकर बिना कार्रवाई के लौट गई। अगली सुबह, 27 अगस्त को, भीड़ ने समुंद्री और गया के शव को जलाने की कोशिश की। ग्रामीणों की सूचना पर हिसुआ थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची, समुंद्री को हिसुआ पीएचसी में भर्ती कराया और गया के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।

पुलिस की देर से कार्रवाई, 17 गिरफ्तार

घटना के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए मुख्य आरोपी मोहन मांझी सहित 17 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 9 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं। हिसुआ थाना की एसआई रूपा कुमारी ने बताया कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है। शव और घायल समुंद्री को श्मशान घाट के पास से बरामद किया गया। पुलिस ने इलाके में कैंपिंग शुरू की और आरोपियों की शिनाख्त के लिए छापेमारी तेज कर दी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

अंधविश्वास की गहरी जड़ें, सामाजिक चुनौती

यह घटना बिहार में डायन-बिसाही के अंधविश्वास की गहरी जड़ों को उजागर करती है। इससे पहले गया, शेखपुरा और मुजफ्फरपुर में भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सामाजिक जागरूकता की कमी और सख्त कानूनी कार्रवाई का अभाव इस समस्या को बढ़ा रहा है। पुलिस की शुरुआती निष्क्रियता ने भी इस मामले में सवाल खड़े किए हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान और कठोर कानूनी कदमों की तत्काल आवश्यकता है।

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