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creative activity 2025 : बच्चों की क्रिएटिविटी बढ़ाने के एज्युकेशनल गेम्स-एक्टिविटीज़

creative activity 2025 : बच्चों की क्रिएटिविटी बढ़ाने के एज्युकेशनल गेम्स-एक्टिविटीज़ – आज की तेज़-रफ़्तार डिजिटल दुनिया में, बच्चों के लिए केवल अकादमिक ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है। उन्हें ऐसा सोच विकसित करना ज़रूरी है जो उन्हें समस्याओं को नए नज़रिए से हल करने में मदद करे, कल्पना को बढ़ाए और आत्मविश्वास दे। क्रिएटिविटी बच्चों के मस्तिष्क को सक्रिय रखती है, उनके सामाजिक कौशल को निखारती है और उन्हें भविष्य में इनोवेटिव थिंकर बनने की ओर प्रेरित करती है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे ,कौन से नए एज्युकेशनल गेम्स और एक्टिविटीज़ बच्चों में क्रिएटिविटी बढ़ाने में मदद करते हैं, उन्हें कैसे खेलें और किन बातों का ध्यान रखें ताकि सीखने के साथ-साथ बच्चे एन्जॉय भी करें।

क्रिएटिविटी और लर्निंग का संबंध – क्रिएटिविटी बच्चों को केवल ड्राइंग या पेंटिंग तक सीमित नहीं करती। यह समस्या सुलझाने की क्षमता, नए आइडिया सोचने और टीमवर्क सीखने में मदद करती है,रिसर्च के अनुसार, जिन बच्चों को छोटे से क्रिएटिव गेम्स और एक्टिविटीज़ कराई जाती हैं, उनका IQ और EQ (इमोशनल कोटिएंट) बेहतर होता है। बच्चों के लिए क्रिएटिव एज्युकेशनल गेम्स
पज़ल गेम्स और ब्रेन टीज़र्स जैसे – जिगसॉ पज़ल, सुडोकू, मैथ पज़ल्स। इनका फायदा – समस्या सुलझाने की क्षमता, धैर्य और एकाग्रता बढ़ाते हैं।

टिप-बच्चों की उम्र के हिसाब से कठिनाई का स्तर तय करें।
स्टोरी बिल्डिंग गेम – बच्चे को कुछ शब्द दें और उनसे एक छोटी कहानी बनाने को कहें। भाषा कौशल, कल्पना शक्ति और नैरेटिव स्किल बेहतर होती है।
लेगो और ब्लॉक बिल्डिंग फायदा- बच्चों को थ्री-डायमेंशनल सोचने में मदद करता है।वे नए स्ट्रक्चर बनाने में एक्सपेरिमेंट करना सीखते हैं।
रोल प्ले गेम्स (Role Play Games) – बच्चों को डॉक्टर, टीचर, साइंटिस्ट जैसे किरदार निभाने दें,कम्युनिकेशन स्किल और सोशल अवेयरनेस बेहतर होती है।
आर्ट-बेस्ड गेम्स – पेंटिंग, ओरिगेमी, कोलाज मेकिंग,बच्चों की फाइन मोटर स्किल और क्रिएटिव थिंकिंग दोनों में सुधार,क्रिएटिव एक्टिविटीज़ जो घर पर की जा सकती हैं

DIY प्रोजेक्ट्स (Do-It-Yourself) – वेस्ट मटेरियल से खिलौने बनाना,पुराने कपड़ों से पपेट बनाना,बच्चों में रिसोर्सफुलनेस और क्रिएटिव सॉल्यूशन्स का विकास।
बुक क्रिएशन – बच्चों से उनकी खुद की छोटी कहानी या कॉमिक बुक लिखवाएं,उन्हें ड्रॉइंग करने दें और बाइंड करके ‘उनकी किताब’ बना दें।
म्यूज़िक और डांस एक्टिविटीज़ – बच्चों को फ्री-स्टाइल डांस या रिदम गेम्स करने दें, मूड बेहतर होता है, एनर्जी सही दिशा में जाती है।
सायंस एक्सपेरिमेंट्स – नींबू से बैटरी बनाना, बोतल में रेनबो तैयार करना, बच्चों में साइंटिफिक टेम्परामेंट और लॉजिक डेवेलप होता है।

डिजिटल गेम्स और ऐप्स-टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल – कुछ बेहतरीन एज्युकेशनल ऐप्स और गेम्स बच्चों के दिमाग को सही दिशा में उत्तेजित कर सकते हैं। Scratch Junior (कोडिंग बेसिक्स के लिए), (लर्निंग को क्विज़ में बदलने के लिए) Osmo Games (हैंड्स-ऑन लर्निंग के लिए) ,स्क्रीन टाइम सीमित और गाइडेड हो।

पैरेंट्स की भूमिका – पैरेंट्स को बच्चों को फ्री-थिंकिंग के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए,उनकी कोशिशों की तारीफ़ करें, न कि सिर्फ रिज़ल्ट्स की।

समय-समय पर बच्चों को नए अनुभव कराएं – जैसे आर्ट गैलरी, साइंस म्यूज़ियम, नेचर ट्रिप। खेल-खेल में सीखने की ताकत
बच्चों की क्रिएटिविटी उनके पूरे व्यक्तित्व को आकार देती है। एज्युकेशनल गेम्स और एक्टिविटीज़ उनके दिमाग को एक्टिव रखते हैं और उन्हें समस्याओं के समाधान ढूंढने में सक्षम बनाते हैं। टेक्नोलॉजी और पारंपरिक खेलों का संतुलित उपयोग करके बच्चों को सीखने की दुनिया रोमांचक बनाई जा सकती है।

विशेष – सीखना तभी असरदार होता है जब बच्चे उसमें मज़ा महसूस करें।

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