Crackdown on fake colleges running without resources: रीवा। पहले से संचालित हो रहे और नए सिरे से संचालन की तैयारी कर रहे कालेजों को अब अनुमति देने से पहले उनके संसाधनों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि बिना संसाधन के किसी कालेज को प्रमुख कोर्स संचालित करने की अनुमति नहीं दी जा सके। दरअसल उच्च शिक्षा विभाग ने नौ बिन्दुओं के आधार पर इन कालेजों के भौतिक सत्यापन का आदेश दिया है। इससे ऐसे प्राइवेट कालेजों के संचालकों में हड़कंप है जो बिना संसाधन के जुगाड़ के जरिये संस्था का संचालन कर रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने कहा है कि आगामी शिक्षण सत्र 2025-2026 के लिए अनुमति देने से पहले विभाग द्वारा जारी की जाने वाली एनओसी पर सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए संबंधित कालेजों में टीमें जाएंगी और अलग-अगल बिन्दुओं पर परीक्षण कर संसाधनों को देखेंगी। जिले की रिपोर्ट अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य से मांगी गई है। अतिरिक्त संचालक भी इस सत्यापन में निगरानी करेंगे।
इन संसाधनों का होगा सत्यापन
निजी कालेजों के संसाधनों का भौतिक सत्यापन करने के लिए दल गठित किए जा रहे हैं। जिसमें यह देखा जाएगा कि संचालन खुद के या किराए के भवन या फिर लीज पर लिए भवन में हो रहा है। संस्था को उपलब्ध कुल भूमि, खसरा नंबर और भूमि डायवर्जन की जानकारी भी जुटाई जाएगी। कॉलेज परिसर में मौजूद भवनों की संख्या, उनके क्षेत्रफल और भवन के हिस्से के क्षेत्रफल को भी देखा जाएगा। इस दौरान प्राचार्य कक्ष, व्याख्यान कक्ष, कार्यालय, स्टाफ कक्ष, पुस्तकालय, एनसीसी, एनएसएस कक्ष, पेयजल, शौचालय, छात्राओं के लिए कॉमन रूम, प्रयोगशालाएं, कम्प्यूटर कक्ष, खेल मैदान, दिव्यांगों के लिए रैंप और अलग शौचालय एवं पार्किंग क्षेत्र आदि की व्यवस्था देखी जाएगी।