इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में भष्ट पुसिल अफसरों पर पुलिस कमिश्नर लगातार कार्रवाई कर रहे है। ऐसा ही एक मामला सामने आ रहा है। जिसमें पुलिस कमिश्नर ने टीआई अजय वर्मा और एएसआई धीरज शर्मा पर एक्शन लेते हुए अजय वर्मा का डिमोशन करके उन्हे दो साल के लिए एसआई यानि की उपनिरिक्षक तथा एएसआई धीरज शर्मा का डिमोशन करके पुलिस आरक्षक बना दिए है। पुलिस अधिकारी के इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
यह था मामला
जानकारी के तहत टीआई अजय वर्मा और एएसआई धीरज शर्मा पर आरोप है कि उन्होने अनाज कारोबारी को हनीट्रेप में फंसा कर लाखों रुपयों की वसूली करके भष्टाचार किए है। यह मामला एमआईजी थाना का है। जानकारी के तहत नीमच के अनाज कारोबारी रवि अग्रवाल ने हनीट्रैप में फंसा कर रुपये वसूलने के आरोप लगाए थे। रवि को एक युवती के जरिए फंसाया और अवैध रुप से हिरासत में रखा। सिपाही गोविंद द्विवेदी ने प्रिया के भाई साहिल के साथ मिलकर रवि से करीब 30 लाख रुपये की वसूली किए थें।
पुलिस अधिकारियों की जांच में सामने आया सच
तत्कालीन पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने परदेशीपुरा के तत्कालीन एसीपी भूपेंद्रसिंह से इसकी जांच करवाई। गोविंद द्विवेदी पर आरोप प्रमाणित पाए गया था। जिस पर उन्हे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। टीआई अजय वर्मा और एएसआई धीरज शर्मा के विरुद्ध डीसीपी से जांच कराई गई थी। जांच रिर्पोट में दोनों की मिलीभगत पाया गया है। यह रिर्पोट पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह को सौंपी गई थी। आयुक्त ने अजय वर्मा को दो साल के लिए निरीक्षक से उपनिरीक्षक और एएसआई धीरज शर्मा को पांच साल के लिए आरक्षक बना दिए है।

