COVID-19 Cases in India : कोविड-19 ने भारत में फिर खतरे की घंटी बजा दी है। हालांकि, मौजूदा संक्रमण के लक्षण हल्के हैं और कोई गंभीरता नहीं है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा है कि देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के मामले फिर से सामने आ रहे हैं, लेकिन मौजूदा समय में प्रचलन में मौजूद वेरिएंट में ओमीक्रॉन स्ट्रेन जैसे हल्के लक्षण दिख रहे हैं। आपको बता दें, राजधानी दिल्ली में 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
ज्यादातर मरीज दीक्षित और पश्चिमी भारत से हैं।
इस बारे में ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि सरकार ट्रांसमिशन, निगरानी और तैयारियों पर ध्यान दे रही है, लेकिन वर्तमान में प्रचलन में मौजूद वेरिएंट में ओमीक्रॉन जैसे हल्के लक्षण हैं। उन्होंने कहा, “सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां कोविड-19 मामलों पर कड़ी नजर रख रही हैं और जरूरी कदम उठा रही हैं। फिलहाल सक्रिय मामलों की संख्या कम है और ज्यादातर मामले दक्षिणी और पश्चिमी भारत तक सीमित हैं।”
सरकार तीन चीजों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। COVID-19 Cases in India
ICMR के महानिदेशक ने कहा कि सरकार तीन मुख्य कारकों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एक तो संक्रमण की दर और तेजी से बढ़ते मामले। दूसरा, क्या वायरस हमारी प्राकृतिक और वैक्सीन से प्रेरित प्रतिरक्षा को चकमा दे रहा है। तीसरा, क्या मौजूदा संक्रमण पहले से ज्यादा गंभीर हैं या ओमिक्रॉन जैसे हल्के लक्षण हैं।
कोरोना के ये नए वेरिएंट मिले। COVID-19 Cases in India
उन्होंने कहा कि कोविड-19 मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए निगरानी जारी है और सरकार आवश्यक तैयारियां कर रही है। हमें जो चार वेरिएंट मिले हैं, वे ओमिक्रॉन के सबवेरिएंट हैं- एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 और एनबी. 1.8.1। लेकिन अधिक जानकारी के लिए और सैंपल की जांच की जा रही है। उन्होंने लोगों को घबराने की सलाह नहीं दी और कैंसर या अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों से सावधानी बरतने का आग्रह किया।
वैक्सीन को लेकर क्या तैयारी है?
उन्होंने कहा, “सरकार और एजेंसियां स्थिति पर कड़ी नजर रख रही हैं। फिलहाल आम लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है, लेकिन कैंसर या अन्य प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।” वैक्सीन की तैयारियों के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार ने नई वैक्सीन बनाने के लिए प्लेटफॉर्म विकसित किए हैं। यदि भविष्य में कोई नया वैरिएंट सामने आता है, तो सरकार के पास दो विकल्प हैं। मौजूदा टीकों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करें और नए वैरिएंट को लक्षित करके एक नया टीका विकसित करें।
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