cooling diet for humid summers – गर्मियों में जब तापमान चढ़ता है और उमस बढ़ती है, तब शरीर पर इसका सीधा असर पड़ता है। अत्यधिक पसीना निकलने से शरीर डिहाइड्रेट होने लगता है, थकान, चिड़चिड़ापन, नींद की कमी और भूख में बदलाव जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे मौसम में हल्का, ठंडा और पोषक तत्वों से भरपूर आहार अपनाना जरूरी होता है, जो न सिर्फ शरीर को ठंडक पहुंचाए, बल्कि ऊर्जा भी बनाए रखे। आयुर्वेद और पोषण विशेषज्ञ भी मानते हैं कि मौसम के अनुसार आहार बदलना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इस लेख में इसी ख़ास विषय पर विचार किया है कि उमस भरी गर्मी में कैसी डाइट अपनानी चाहिए, जिससे शरीर को ठंडक मिले और गर्मी की परेशानियों से बचाव हो।
उमस भरी गर्मी के लिए ठंडी डाइट के प्रमुख तत्व
पानी और तरल पदार्थों की अधिकता – गर्मी में पसीने के रूप में शरीर से बहुत अधिक पानी और लवण निकलते हैं, इसलिए सबसे पहली जरूरत है, हाइड्रेशन। सामान्य पानी के अलावा नींबू पानी, नारियल पानी, बेल का शरबत, छाछ, पुदीना पानी, सत्तू का घोल, घर का बना आम पना और फलों का ताजा रस पिएं।
मौसमी फलों का सेवन करें – गर्मियों में मिलने वाले मौसमी फल जैसे तरबूज, खरबूजा, आम (सीमित मात्रा में), पपीता, खीरा, संतरा, अनानास, लीची और बेल शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं और विटामिन्स की कमी पूरी करते हैं। इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है, जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है।
हरी सब्जियां और हल्की दालें – ताजा,पकी हुई हरी सब्जियां जैसे लौकी, तुरई, टिंडा, पालक, चौलाई आदि हल्की होती हैं और पचने में आसान रहती हैं। मूंग दाल, मसूर की दाल, छाछ के साथ बना कढ़ी, सादा दाल-चावल जैसे हल्के भोजन पाचन में भी सहयोगी होते हैं।
ठंडक देने वाले अनाज और व्यंजन – जौ, रागी, सत्तू जैसे पारंपरिक अनाज गर्मी में ठंडक देने वाले माने जाते हैं। इनसे बने पेय, दलिया या रोटियां गर्मी से राहत देती हैं। रात को भिगोई गई साबुत मूंग या चना सुबह सलाद के रूप में लिए जा सकते हैं।
दही और छाछ को डाइट में शामिल करें – दही और उससे बनी छाछ न केवल पाचन में मदद करती हैं, बल्कि शरीर को ठंडा भी रखती हैं। इन्हें भोजन के साथ या बीच में लेना लाभदायक होता है। मठ्ठा में भुना जीरा, पुदीना और काला नमक डालना अतिरिक्त फायदेमंद होता है।
मसाले और जड़ी-बूटियों का सही चयन – हींग, भुना जीरा, पुदीना, धनिया, सौंफ, कड़ी पत्ता, तुलसी जैसे तत्व गर्मी के मौसम में पाचन और ठंडक देने में सहायक होते हैं। इनका प्रयोग चटनी, शरबत, सलाद या छाछ में किया जा सकता है।
इस उमस भरी गर्मी में किन चीजों से बचें
- बहुत मसालेदार, तली-भुनी और भारी चीजें
- बासी खाना या बार-बार गर्म किया गया भोजन
- ज्यादा कैफीन या चीनी वाले पेय
- बाहर की खुली या दूषित चीजें
- बहुत ठंडा या बर्फ मिला पेय, जो शरीर में गर्मी बढ़ा सकता है।
निष्कर्ष – गर्मियों में शरीर का ध्यान रखना सिर्फ बाहर से नहीं, भीतर से भी जरूरी है। सही खानपान से शरीर को प्राकृतिक ठंडक, ऊर्जा और रोगों से सुरक्षा मिलती है। उमस भरी गर्मी में संतुलित, हल्की और तरलता से भरपूर डाइट न केवल आपकी त्वचा, नींद और पाचन को सुधारती है, बल्कि गर्मी के दुष्प्रभावों से भी बचाती है। इस मौसम में ‘कम खाओ, बार-बार खाओ और ठंडा-संतुलित खाओ’ का सिद्धांत अपनाएं और खुद को स्वस्थ, ऊर्जावान बनाए रखें।