रीवा। जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में मंगलवार को रीवा के पद्रमधर पार्क में दिग्गज कांग्रेसियों का जमावड़ा रहा और न्याय सत्याग्रह में उन्होने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यहां अली बाबा चालीस चोर की जो सरकार है वह वोट चोरी करके बनी है। यह राष्ट्रीय मुद्रदा है और कांग्रेस पार्टी जल्द ही इसका खुलासा करेगी। उक्त बाते कहते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिघार समेत उपस्थित विधायकों एवं नेताओं ने कहा कि प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार, महंगाई, अव्यवस्था और अत्याचार के खिलाफ जनहित की यह बड़ी लड़ाई है। न्याय सत्याग्रह कार्यक्रम में पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं चुरहट विधायक अजय सिंह राहुल, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष एवं अमरपाटन विधायक राजेन्द्र सिंह, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल समेत कई वरिष्ठ नेता मंचासीन रहे।
इन बिंदुओं पर उठाई आवाज
रीवा के पद्रमधर पार्क में एकत्रित कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रदेश सहित रीवा के किसानों को खाद नही मिल रही है और किसान खेतों में बीज बोने के बाद अब खाद के लिए मारा-मारा फिर रहा है। प्रदेश में महिलाओं पर अपराध, अत्याचार, दुराचार की घटनाएं आए दिन सामने आ रही है, लेकिन इस पर अंकुश लगाने के बजाए एमपी का शासन-प्रशासन कांग्रेस नेताओं पर एफआईआर दर्ज करने में अमादा है।
वोट चोरी का राष्ट्रीय मुद्दा
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी समेत कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वोट चोरी मुद्दा राष्ट्रीय मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी जल्द ही इसका खुलासा करेगी। उन्होने कहा कि रीवा समेत प्रदेश नशे की गिरफ् में है और युवाओं में नशा की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, लेकिन सरकार इस तरह की समस्याओं पर कोई गंभीर नही है और युवाओं का जीवन खराब हो रहा है। उनके पास न तो कोई रोजगार है और नशे की जद में आने से उनका जीवन बर्बाद हो रहा है। इसके लिए प्रदेश की बीजेपी सरकार जिम्मेदार है। कांग्रेस नेताओं ने कहा आज मंहगाई और बेरोजगारी चरम पर है। दोनों ही समाज और युवाओं के लिए समस्या बनती जा रही है।
बैरिकेट्स तोड़कर पहुचे आयुक्त कार्यालय
कांग्रेस की न्याय सत्याग्रह में संभागायुक्त को ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रदेष अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिघांर, विधायक अभय मिश्रा, कमलेष्वर पटेल, लखनघनघोरिया को संभागायुक्त कार्यालय के पहले रोक दिया गया। इससे नाराज कांग्रेसी नेताओं ने पुलिस के बैरिकेटस तोड़कर संभागायुक्त कार्यालय पहुंच गए। जिससे अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। इसके बाद संभागायुक्त ने बवाल को देखते हुए प्रतिनिधि मंडल को ज्ञापन देने के लिए बुलाया है और मामला शांत हो पाया।