MP Congress News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस, बीजेपी के द्वारा विधान सभा चुनाव में अपनाए गए फॉर्मूले पर ही लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. इसके तहत पूर्व सीएम दिग्विजय और कमलनाथ समेत करीब दर्जन भर नेताओं का महासंग्राम में उतरना तय मन जाता है. इस फेहरिस्त में कांग्रेस के वो नेता भी शामिल होंगे जो विधानसभा चुनाव में हार गए हैं.
कांग्रेस ने संभावित दावेदारों के नाम 31 जनवरी तक मंगाए
Loksabha Chunav 2024: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जीतेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतरने की बात सामने आई है. इस बैठक में में पार्टी के जिला अध्यक्ष भी मौजूद रहे. जीतेन्द्र सिंह ने लोकसभा समन्यवयकों से पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संभावित दावेदारों के नाम 31 जनवरी तक देने के लिए कहा हैं.
सीनियर्स को क्यों उतार रही कांग्रेस?
चुनावी मैदान में सीनियर नेताओं को उतारने के पीछे कांग्रेस की रणनीति है कि ये नेता जिस भी सीट से चुनाव लड़ेंगे वहां के स्थानीय कार्यकर्ता को एकजुट करने में सफल हो पाएंगे। साथ ही भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को कड़ी टक्कर देने में सफल हो पाएंगे। और आसपास की भी सीटों में उनका प्रभाव देखने को मिलेगा। एक वजह ये भी है जिस प्रकार से बीजेपी चुनाव की तैयारी कर रही है उससे मुकाबला करने के लिए अनुभवी नेताओं की जरुरत पड़ेगी। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 6 सीनियर नेताओं को चुनावी मैदान उतारा था, जहां सभी नेता चुनाव हार गए.
कितना होगा इसका फायदा?
राजनितिक पंडितों की माने तो इस फैसले से कांग्रेस को फायदा ही होगा। हालांकि, कांग्रेस के लिए 2009 से विषम स्थिति बानी हुए है. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मात्र गुना-शिवपुरी और छिंदवाड़ा लोकसभा सीट ही जीत सकी थी. जबकि 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने गुना-शिवपुरी की सीट गवां दी और पार्टी के पास सिर्फ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट ही मात्र बची. जानकारों की मने तो पार्टी को इसका नुकसान तो कताई नहीं होगा बल्कि इसका फायदा ही होगा।
छिंदवाड़ा में नकुलनाथ की जगह मैदान में उतर सकते हैं कमलनाथ
छिंदवाडा कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है. इस बार भी कांग्रेस ने छिंदवाड़ा की सभी सात सीटों पर कब्ज़ा जमाया है. इस समय कांग्रेस के नकुलनाथ यहां से सांसद हैं. बीजेपी कमलनाथ के गढ़ पर सेंध लगाने की हर संभव कोशिश कर रही है. विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के तुरंत बाद शिवराज सिंह चौहान छिंदवाड़ा पहुंचे थे. उन्होंने दवा किया था भारतीय जनता पार्टी छिंदवाड़ा के साथ प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतेगी। सियासी हालत को देखते हुए लग रहा है कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से इस बार कमलनाथ को मैदान में उतार सकती है.
दिग्विजय सिंह को भोपाल या राजगढ़ से मिलेगा टिकट
सूत्रों की माने तो पार्टी दिग्विजय सिंह को भोपाल या राजगढ़ से लोकसभा की टिकट दे सकती है. दिग्विजय सिंह फ़िलहाल राजयसभा सांसद हैं. और उनका कार्यकाल 21 जून 2026 तक है. राजनितिक पंडितों की माने तो उनका कहना है कि दिग्विजय सिंह पिछला लोकसभा चुनाव भोपाल की बजाय राजगढ़ से लड़ते तो नतीजे उनके पक्ष में जा सकते थे.
खजुराहो से अलोक चतुर्वेदी को मिल सकती है टिकट
प्रदेश प्रभारी जीतेन्द्र सिंह के सामने छतरपुर के जिला अध्यक्ष महाप्रसाद पटेल ने कहा था कि खजुराहो सीट पर सबसे अच्छे प्रत्याशी अलोक चतुर्वेदी रहेंगे। मेरा मानना है कि वे जीतेंगे। उन्होंने तर्क दिया था कि छतरपुर की ही बात करें तो 8 विधानसभा चुनाव में 50-50 हजार वोट मिले, यानि 4 लाख वोट हमारे पास हैं.
जीतू पटवारी को मिल सकता है राजयसभा का टिकट
प्रदेश में 11 में से 5 राजयसभा सांसदों का कार्यकाल 2 अप्रैल को मख़तम हो रहा है. इन 5 सीटों में से 4 भाजपा के पास और एक कांग्रेस के पास है. विधानसभा में सीटों की गणित के हिसाब से देखें तो सांसदों का कार्यकाल ख़त्म होने के बाद भी यही स्तिथि रहेगी। विधानसभा में बीजेपी के 163 और कांग्रेस के 66 सदस्य हैं. राज्यसभा की पांचो सीटों को जितने के लिए 190सदस्यों के वोट चाहिए। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस के खाते में एक और बीजेपी के कहते में दो सीटें जाएगी। इस क सीट पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को राज्यसभा भेजा जा सकता है.
युवा और नए चेहरों को भी पार्टी मौका दे सकती है
कांग्रेस के एक केंद्रीय पदाधिकारी के मुताबिक, पार्टी आधे से ज्यादा सीटों पर नए चेहरों को मौका दे सकती है. दरअसल, बीजेपी ने इस विधानसभा चुनाव में कई युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. इसी तर्ज पर अब कांग्रेस भी लोकसभा में युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकती है. इसके लिए पार्टी गंभीरता से विचार कर रही है.
देवास से विपिन वानखेड़े का नाम
कांग्रेस सूत्रों की माने तो देवास लोकसभा सीट से पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. इंदौर से सत्यनारायण पटेल या विशाल पटेल पर दांव लगाया जाएगा। सत्यनारायण एक बार सुमित्रा महाजन से बहुत मामूली अंतर से चुनाव हर चुके हैं. विशाल को विधानसभा का टिकट दिया गया था लेकिन वो हार गए.
31 जनवरी को दिल्ली भेजी जाएगी समन्वयकों की रिपोर्ट
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने सभी 29 लोकसभा क्षेत्रों के लिए समन्वयक नियुक्त कर दिए हैं. इनका काम चुनाव से जुडी गतिविधियों को गति देना है. साथ ही स्थानीय स्तर पर लोकसभा प्रभारी, प्रदेश, जिला, ब्लॉक और मोर्चा प्रकोष्ठ के पदाधिरियों के बीच समन्वय बनाने का काम भी इनके जिम्मे है. इन्हे सामूहिक तौर पर तय उम्मदीवार का नाम भी प्रस्तावित करने को कहा गया है.