Shashi Tharoor on Wayanad Landslide : शशि थरूर के बयान से मचा बवाल, फिर पलटी बात

Shashi Tharoor on Wayanad Landslide : केरल के वायनाड में भूस्खलन के कारण भारी त्रासदी आई है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। आज कांग्रेस नेता शशि थरूर ने वायनाड का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने एक ऐसा बयान दिया, जिससे राजनीति में बवाल मच गया। उनके इस बयान पर भाजपा ने खूब तंज किया। जिसके बाद कांग्रेस नेता ने माफी भी मांग ली। लेकिन उनका बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया।

‘वायनाड का यादगार दिन’ (Shashi Tharoor on Wayanad Landslide)

शनिवार को कांग्रेस नेता व तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर केरल के वायनाड में भूस्खलन की घटना का जायजा लेने पहुंचे। वायनाड के दौरे पर कांग्रेस नेता (Shashi Tharoor on Wayanad Landslide) ने कुछ ऐसा बोल दिया जो अब उनके लिए गले की फांस बन गया है। उन्होंने दौरे के बाद सोशल मीडिया के X पर लिखा, “वायनाड में एक यादगार दिन की कुछ यादें।” शशि थरूर ने जैसे इस पोस्ट को शेयर किया लोगों ने उन्हें काफी तीखे शब्द बोलना शुरू कर दिया। उनके पोस्ट में ‘यादगार’ शब्द पर लोगों ने आपत्ति जताई।

BJP का शशि थरूर पर सियासी हमला

कांग्रेस नेता शशि थरूर के इस बयान पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने शशि थरूर के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि शशि थरूर के लिए मौतें और आपदाएं यादगार हैं। वायनाड में भूस्खलन से 300 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में शशि थरूर का वायनाड में भूस्खलन वाले स्थान को यादगार दिन में शामिल करना पीड़ित लोगों के लिए कष्टदायी भावना है।

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शशि थरूर ने ‘यादगार’ का अर्थ समझाया (Shashi Tharoor on Wayanad Landslide)

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय की प्रतिक्रिया आने के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor on Wayanad Landslide) ने अपना बचाव करते हुए पोस्ट का अर्थ बदलकर समझाया। उन्होंने आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि यहां यादगार शब्द का अर्थ याद रखने की संभावना है। वह चीज, जिसे हमेशा याद में रह जाएं तो वह यादगार कहलाती है। उन्होंने भाजपा को यादगार शब्द की परिभाषा भी बताई। उन्होंने कहा, “यादगार की परिभाषा कुछ ऐसा जो यादगार हो, उसे याद रखने लायक होना चाहिए या याद रखने की संभावना होनी चाहिए, क्योंकि यह विशेष या अविस्मरणीय है। मेरा बस इतना ही मतलब था।”

वायनाड हादसे में 344 की मौत

गौरतलब है कि वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में 30 जुलाई को भूस्खलन की घटना ने केरल को हिला दिया। इस प्राकृतिक आपदा में 30 जुलाई से 3 अगस्त तक कुल 344 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में 98 पुरुष, 87 महिलाएं और 30 बच्चे थे। इस घटना के बाद लोग वापस आपदा प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जाना चाहते हैं।

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