कांग्रेस ने सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) को फिर से ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ का अध्यक्ष नियुक्त किया है। लोकसभा चुनाव के दौरान अपने बयानों से विवाद पैदा होने के बाद पित्रोदा ने पद से इस्तीफा दे दिया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि पूर्वी भारत के लोग चीनी जैसे दिखते हैं और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी नागरिकों जैसे दिखते हैं। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा नेताओं ने उनकी कड़ी आलोचना की थी। इस बयान पर विवाद के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। 26 जून को कांग्रेस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पित्रोदा (Sam Pitroda) को अध्यक्ष बनाए जाने की जानकारी दी। विज्ञप्ति में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है,
“कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खड़गे) ने सैम पित्रोदा को तत्काल प्रभाव से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष पुनः नियुक्त किया है।”
सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है। 1989 में उन्हें दूरसंचार आयोग का पहला अध्यक्ष बनाया गया था। वे पेशे से टेलीकॉम इंजीनियर हैं। वे मनमोहन सिंह की सरकार में 2005 से 2009 के बीच राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष भी रहे। 2009 में उन्हें कैबिनेट रैंक दिया गया और सार्वजनिक सूचना अवसंरचना पर मनमोहन सिंह का सलाहकार बनाया गया।
पित्रोद के बायनों से मचा था बवाल
पिछले महीने स्टेट्समैन को दिए इंटरव्यू में पित्रोदा (Sam Pitroda) ने भारत की विविधता का हवाला देते हुए कहा था कि पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग शायद गोरे जैसे दिखते हैं और दक्षिण के लोग अफ्रीकियों जैसे दिखते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सब भाई-बहन हैं।
लेकिन उनके इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया था। भाजपा नेताओं ने उनकी सोच को नस्लवादी बताया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि देश के लोगों के बारे में रंग के आधार पर इस तरह बोलना उनका अपमान है।
इसके बाद कांग्रेस ने पित्रोदा (Sam Pitroda) के बयान से खुद को अलग कर लिया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि भारत की विविधता को लेकर पित्रोदा का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है।
इससे पहले अप्रैल में उन्होंने अमेरिका के इनहेरिटेंस टैक्स की बात करके विवाद खड़ा कर दिया था। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में सैम ने कहा था कि अमेरिका में इनहेरिटेंस टैक्स लगता है। अगर किसी व्यक्ति के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है तो उसकी मौत के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर कर दी जाती है, जबकि 55 फीसदी संपत्ति सरकार के पास रहती है। उन्होंने कहा था कि भारत में भी ऐसे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। इस बयान के बहाने प्रधानमंत्री मोदी समेत कई बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस को घेरा। इसे कांग्रेस का एजेंडा बताने लगे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि अब कांग्रेस आपके माता-पिता से मिली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी।