Congress protests against lathicharge on NSUI students in Rewa: गुरुवार को रीवा के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एनएसयूआई छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में शुक्रवार को शहर कांग्रेस कमेटी ने जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आईजी कार्यालय पहुंचकर पुलिस महानिरीक्षक को ज्ञापन सौंपा और इस घटना की कड़ी निंदा की। कांग्रेस शहर अध्यक्ष ने लाठीचार्ज को द्वेषपूर्ण करार देते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया।
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कांग्रेस नेताओं का कहना है कि एनएसयूआई छात्र नशीली कफ सिरप की अवैध बिक्री के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से ज्ञापन सौंपने और पुलिस को खाली शीशियां दिखाकर नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने की मांग करने गए थे। लेकिन सीएसपी राजीव पाठक के नेतृत्व में पुलिस ने छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज किया, जिससे कई छात्र घायल हो गए। कांग्रेस ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए सीएसपी राजीव पाठक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई और नशे के अवैध कारोबार पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि रीवा में नशीली कफ सिरप की बिक्री गली-मोहल्ले तक फैली हुई है, जिससे युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि छात्र केवल पुलिस को इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान दिलाने गए थे, लेकिन उनकी आवाज दबाने के लिए उन पर लाठियां बरसाई गईं। नेताओं ने यह भी बताया कि छात्रों ने प्रदर्शन से पहले पुलिस प्रशासन को सूचना दी थी, फिर भी उनकी बात नहीं सुनी गई।
कांग्रेस ने इस घटना की तुलना एक अन्य मामले से की, जिसमें चोरहटा थाने में बीजेपी नेताओं और पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी द्वारा 36 घंटे तक थाने को बंधक बनाने का आरोप लगाया गया, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाया कि जब बीजेपी नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती, तो शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज क्यों किया गया?
वहीं पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी, जिसके चलते उन्हें पहले समझाइश दी गई, लेकिन नहीं मानने पर हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ा गया। वहीं, कांग्रेस ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि अनुमति दी गई थी और छात्र केवल ज्ञापन सौंपने गए थे, न कि कोई उपद्रव करने।
कांग्रेस ने मांग की है कि कोरेक्स के अवैध कारोबार पर तत्काल रोक लगाई जाए और इस मामले की निष्पक्ष जांच कर सीएसपी राजीव पाठक को रीवा से हटाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।