कांग्रेस सांसद डी के सुरेश (D K Suresh) के इस बयान से हंगामा मच गया. उन्होंने दक्षिण भारत के लिए अलग देश बनाने की मांग कर डाली। अब मामला संसद में तक उठा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि कांग्रेस को इस बयान के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस सांसद डी के सुरेश (D K Suresh) ने ऐसा बयान दिया कि जिसे लेकर हंगामा मचा हुआ है. उनके इस बयान से भाजपा, कांग्रेस पर पलटवार है. आज राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने डी के सुरेश के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को इस बयान पर माफ़ी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने डी के सुरेश के बयान से किनारा कर लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि अगर कोई भी देश को तोड़ने की बात करे तो हम उसका समर्थन नहीं करते चाहे वो किसी भी पार्टी का नेता हो.
जानें क्या कहा डी के सुरेश ने
केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद डी के सुरेश ने 1 फरवरी को कहा था कि अगर विभिन्न करों से एकत्रित धनराशि के वितरण के मामले में दक्षिणी राज्यों के साथ हो रहे अन्याय को ठीक नहीं किया गया तो दक्षिणी राज्य के अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने यह दावा किया कि दक्षिण से एकत्रित कर की धनराशि को उत्तर भारत में बांट दिया जा रहा है और दक्षिण भारत को उसका उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है.
कांग्रेस नेता डी के सुरेश ने कहा कि हमारी मांग है कि अपने राज्य से जीएसटी और प्रत्यक्ष करों में अपना हिस्सा मिलना चाहिए। हम दक्षिण भारतीयों के साथ बहुत अन्याय होते हुए देख रहे हैं. हम अपने हिस्से का पैसा उत्तर भारत में बंटते हुए देख रहे हैं. यदि आज हम इसकी निंदा नहीं करेंगे तो आने वाले दिनों में दक्षिण भारत के लिए एक अलग राष्ट्र का प्रस्ताव रखने की नौबत आ जाएगी।
कांग्रेस इस बयान पर क्या कहा?
डी के सुरेश के भाई और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार (DK Shivakumar) ने कहा कि सुरेश ने केवल आम जनता की धारणा के बारे में बात की है. सुरेश के इस बयान पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने कहा कि दक्षिण भारत के लिए अलग राष्ट्रीयता की मांग नहीं की जा सकती। देश की संप्रभुता बनी रहनी चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए सुरेश ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि यदि केंद्र कर्नाटक को उसके हिस्से का पैसा दे दे तो यह पर्याप्त होगा।