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कांग्रेस नेता रामेश्वर लाल डूडी का निधन, पंचायत से पार्लियमेंट तक रहा राजनैतिक सफर, पत्नी विधायक

राजस्थान। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर लाल डूडी का 62 साल की आयु में निधन हो गया है। उन्होने शुक्रवार की रात बीकानेर में ईलाज के दौरान अंतिम सांसे ले लिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता के निधन की खबर आते ही पार्टी में शोक की लहर है। डूडी के निधन के चलते खैरथल-भिवाड़ी जिले का नाम बदलने के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शन में शामिल होने आने वाले कांग्रेस नेताओं ने अपना पूरा कार्यक्रम निरस्त कर दिया।

ऐसा रहा राजनैतिक सफर

रामेश्वर लाल डूडी का जन्म 1 जुलाई 1963 को हुआ था। उन्होंने राजनीति की शुरुआत छात्र संगठन एनएसयूआई से किया था। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे किसानों की आवाज बनते हुए गांव के पंचायत चुनाव में सक्रिय हो गए और उन्होंने 1995 से 1999 तक नोखा प्रधान का पद संभाला। इसके बाद 1999 से 2004 तक बीकानेर से सांसद रहे और खाद्य एवं आपूर्ति समिति के सदस्य भी बने। 2005 से 2010 तक वे बीकानेर जिला प्रमुख रहे। 2013 में डूडी ने विधानसभा चुनाव जीता और नोखा से विधायक बने। इसके बाद 2014 से 2018 तक उन्होंने राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद संभाला। साल 2022 में उन्हें राजस्थान राज्य एग्रो-इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया। वर्तमान में नोखा विधानसभा से उनकी पत्नी सुशीला डूडी विधायक हैं।

किसान नेता की रही है छवि

रामेश्वर लाल डूडी न सिर्फ जमीनी नेता के रूप में पहचाने जाते थे बल्कि किसान नेता के रूम में भी जाने जाते रहे है। वे किसानों के हक के लिए सदैव आवाज उठाते थें। विधानसभा से लेकर संसद भवन तक वे किसानों की आवाज उठाते रहे है। उनका सरल और सहज स्वभाव होने के चलते लोग उन्हे साहब के नाम से सम्बोधित करते रहे हैं। रामेश्वर लाल डूडी के निधन से राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस का एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

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