Site icon SHABD SANCHI

MP: कांग्रेस का महाकाल मंदिर प्रशासक कार्यालय के बाहर हंगामा, प्रशासक के इस्तीफे की मांग

mahakal mandir

mahakal mandir

Mahakal Garbhgrih Darshan Controversy: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महाकाल मंदिर के प्रशासक कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि इंदौर-3 से भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। साथ ही, उन्होंने महाकाल मंदिर के प्रशासक से इस्तीफे की मांग भी की।

Mahakal Garbhgrih Darshan Controversy: उज्जैन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महाकाल मंदिर के प्रशासक कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि इंदौर-3 से भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। साथ ही, उन्होंने महाकाल मंदिर के प्रशासक से इस्तीफे की मांग भी की। यह मामला श्रावण माह के दूसरे सोमवार का है, जब भस्म आरती के दौरान विधायक शुक्ला और उनके पुत्र रुद्राक्ष कथित तौर पर मंदिर के गर्भगृह में जबरन घुस गए थे।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि गर्भगृह में अनधिकृत प्रवेश कर मंदिर की आचार संहिता का उल्लंघन किया गया। उन्होंने मांग की कि महाकाल मंदिर के प्रशासक तत्काल इस्तीफा दें और विधायक पुत्र के खिलाफ त्वरित गिरफ्तारी व कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, यह स्पष्ट करने की मांग भी की गई कि विधायक को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति किस अधिकारी ने दी।

कांग्रेस कार्यकर्ता का सवाल: क्या महाकाल मंदिर अब भाजपा की संपत्ति है?

प्रदर्शन के दौरान एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता ने तीखा सवाल उठाया, “क्या महाकाल मंदिर अब भाजपा नेताओं की निजी संपत्ति बन गया है?” उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री, विधायक और उनके परिजन आसानी से गर्भगृह में प्रवेश कर सकते हैं, जबकि आम श्रद्धालुओं के लिए यह क्षेत्र पूरी तरह प्रतिबंधित है।

प्रशासन की सुस्ती पर नाराजगी

नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा, “हम मंदिर समिति से अपील करते हैं कि भाजपा विधायक और उनके पुत्र द्वारा गर्भगृह में जबरन प्रवेश और वहां मौजूद अधिकारियों व पुजारियों से अभद्रता निंदनीय है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और कानूनी मामला दर्ज होना चाहिए।” उन्होंने बताया कि यही विधायक पुत्र पहले देवास के मां चामुंडा मंदिर में रात 12:30 बजे मंदिर खुलवाकर पुजारी के साथ धक्का-मुक्की कर चुके हैं। उस मामले में देवास प्रशासन ने तुरंत एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन उज्जैन प्रशासन इस बार कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।

कांग्रेस ने मांग की कि जांच के लिए गठित समिति में केवल निष्पक्ष और स्वतंत्र व्यक्तियों को शामिल किया जाए। रवि राय ने कहा, “पिछली बार भी एक समिति बनी थी, लेकिन वह महज औपचारिकता साबित हुई और कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। हमारी मांग है कि नई जांच समिति में विश्वसनीय लोग शामिल हों, जो निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करें।”

गर्भगृह प्रवेश पर पुराना विवाद

करीब दो साल पहले, कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद माया त्रिवेदी के खिलाफ मंदिर समिति ने देहरी तक पहुंचने के लिए एफआईआर दर्ज की थी। माया त्रिवेदी ने कहा, “मुझे मंदिर की देहरी तक जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। धरने के बाद ही मुझे जल अर्पण की इजाजत मिली। लेकिन जब उन्हें पता चला कि मैं कांग्रेस से हूं, तो मुझे रोक दिया गया।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि महाकाल मंदिर पर अब भाजपा का एकाधिकार है। केवल भाजपा के मंत्री, विधायक और उनके परिजनों को ही गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति है, जबकि आम श्रद्धालुओं के लिए यह मार्ग पूरी तरह बंद है।”

Exit mobile version