Congress Ambedkar Protest In Parliament: लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस संविधान और संविधान निर्माता भीमराव रामजी अंबेडकर का ही नाम जप रही है. कांग्रेस के लीडर्स और पूरा विपक्ष संविधान की किताब लेकर घूमता रहता है. लेकिन संविधान निर्माता ने संविधान में जो लिखा उसे नहीं मानता। विपक्ष आज यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करता है जिसे अम्बेडकर भी लागू कराना चाहते थे, विपक्ष 370 की बहाली की मांग करता है जिसके अंबेडकर शुरू से ही खिलाफ थे, विपक्ष धर्म के आधार पर आरक्षण की बात करता है जबकि अंबेडकर ऐसा कतई नहीं चाहते थे.
संसद में अंबेडकर के नाम पर नौटंकी
बुधवार को संसद में कांग्रेस ने अम्बेडकर के नाम पर खूब हंगामा मचाया, उनकी तस्वीरों को हाथ में लेकर सदन में जय भीम के नारे लगाए गए. इस प्रदर्शन की वजह बताई गई कि ग्रह मंत्री अमित शाह ने संविधान निर्माता का अपमान किया। जबकि कांग्रेस ने खुद अमित शाह का क्रॉप्ड वीडियो शेयर कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की. ये वीडियो देखिये जिसे कांग्रेस ने शेयर किया है.
इस पोस्ट को शेयर करते हुए कांग्रेस ने लिखा कि अमित शाह ने घृणित बात कही है, इनके मन में बाबा साहेब के लिए नफरत है, अमित शाह को इसके लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।
जाहिर है ये वीडियो देख बाबा साहेब के समर्थकों को ये महसूस हुआ होगा कि अमित शाह अंबेडकर के नाम जपने का विरोध कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस ने अमित शाह के बयान का ट्रिम्ड वीडियो शेयर किया पूरा वीडियो कुछ ऐसा है.
कांग्रेस ने अमित शाह का पूरा वीडियो शेयर नहीं किया, अगर किया जाता तो आज फिर संसद में अम्बेडकर के अपमान के नाम पर सियासी ड्रामा कैसे होता।
कांग्रेस पार्टी अम्बेडकर का कितना सम्मान करती है, इसे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में बताया है.
मंगवार को जब संसद में बीजेपी के मंत्रियों ने काँग्रेस के अम्बेडकर प्रेम को उजागर किया तो कांग्रेस से यह बर्दाश्त नहीं हुआ. इसी लिए अमित शाह के ट्रिम्ड वीडियो को आधार बनाकर संसद में हंगामा मचाया गया. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि मनुस्मृति को मानाने वालों को अम्बेडकर जी से तकलीफ बेशक होगी। खैर आइये आज हम आपको बताते हैं कि जो कांग्रेस आज बाबा साहेब की फोटो लेकर संसद में पोलिटिकल गेम कर रही है उसके अंदर बाबा साहब के प्रति कितना प्रेम था.
कब कब कांग्रेस ने किया अंबेडकर का अपमान
When Congress Insulted Ambedkar : 1952 में जब पहली बार आम चुनाव हुए तो अंबेडकर उत्तरी मुंबई से उतरे थे, तब कांग्रेस ने उनके सामने नारायण कजोलोलार को खड़ा कर दिया था और अम्बेडकर चुनाव हार गए थे, इसके बाद 1954 में लोकसभा के उपचुनाव में अम्बेडकर भंडारा से चुनाव लड़े तो यहां भी कांग्रेस ने अपना कैंडिडेट खड़ा कर दिया था.
1956 में जब बाबा साहब का निधन हो गया तो कांग्रेस ने कहीं भी उनका स्मारक नहीं बनाया, बाद में भाजपा सरकार ने उनकी जन्मस्थली महू राष्ट्रीय स्मारक बनवाया और पीएम मोदी भारत के पहले प्रधान मंत्री थे जिन्होंनेमहू में जाकर बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी थी. उनके निधन के बाद सदन के केंद्रीय कक्ष में बाबा साहब की तस्वीर लगाने की मांग उठी थी मगर तब कि कांग्रेस सरकार ने यह कहकर तस्वीर नहीं लगाई थी कि दिवार में जगह नहीं है , जब 1989 में राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार बनी तब अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण अडवाणी ने केंद्रीय काश में अम्बेडकर की तस्वीर लगवाई थी. उनके देहांत के बाद बाबा साहब को भारत रत्न देने की मांग उठी थी, जिसे खुद को ही भारत रत्न से नवाजने वाले पंडित नेहरू ने ख़ारिज कर दिया था, इंदिरा गांधी ने भी ये मांग ठुकराई थी और राजीव गाँधी की सरकार में भी भीमराव अम्बेडकर कोई कोई तवज्जो नहीं मिली, 1990 में बीजेपी समर्थित राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार में जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पहल की तो बाबा साहब को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.