Compensation worth crores from the government due to land fraud: रीवा में इन दिनों जमीनों की हेराफेरी में कलम के दम पर बड़ा खेल चल रहा है। इस खेल में जमीन किसी और की और मुआवजा किसी और को मिल रहा है। ऐसे में वास्तविक मालिक अपने हक़ के लिए दरबदर भटक रहे हैं। बतादें कि प्रदेश सहित रीवा जिले में राजस्व के मामलों को निपटाने के लिए जिलेभर में राजस्व महा अभियान पार्ट टू शुरू हो चुका है। लेकिन कौन सी जमीन किस समय किसके नाम हो जाएगी इसका कोई ठिकाना नहीं है। जिले में इन दिनों ‘जिसकी लाठी उसकी भैस’ जैसे हालात बन चुके हैं। यहां जो बाहुबली है जमीन उसी के पास होगी और असली फरियादी कार्यालय के चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं।
दरअसल रीवा शहर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में एक ही जमीन के कई दावेदार हैं। यहां कलम का कुछ ऐसा खेल खेला गया कि जमीन किसी और की और मुआवजा मिला किसी को। जिसके बाद अब इस जमीन पर विवाद की स्थिति भी निर्मित हो गई है। अपने हक़ के लिए कलेक्टरेट के चक्कर काट रहे पीड़ित वंश गोपाल कुशवाहा ने बताया कि निपनिया नदी के तट पर उनकी जमीन है जिस पर उन्हीं के समाज के लोगों ने कब्जा कर लिया है। आरोप है कि ना सिर्फ उनकी जमीन हड़पी गई बल्कि बेटे की भी जान ले ली गई।
पीड़ित के मुताबिक भू-माफियाओं के द्वारा उसके बेटे को धमकी दी गई और दूसरे ही दिन उसका बेटा फांसी के फंदे में लटकता हुआ मिला। लेकिन अभी तक इस मामले का राज नहीं खुला। फरियादी ने यह भी आरोप लगाया कि जो मोबाइल उसके बेटे का था वह घटना के बाद से ही पुलिस के कब्जे में है, जिसमें भू-माफियाओं के धमकी दिए जाने की पूरी रिकॉर्डिंग भी मौजूद है, लेकिन अब उसकी जमीन में फर्जीवाड़ा कर शासन से करोड़ों का मुआवजा हासिल कर उसे फिर से जान से मारने की धमकी दी जा रही है।