COMPANIES: बांग्लादेश की बगावत में झुलसे इन भारतीय कंपनियों के शेयर!

बांग्लादेश में मौजूद कई अन्य भारतीय कंपनियां दबाव महसूस कर रही हैं, इनमें बायर कॉर्प, जीसीपीएल, ब्रिटानिया, विकास लाइफकेयर, डाबर शामिल हैं

बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन और प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश से बाहर जाने से चिंताजनक परिस्थितियां उत्पन्न हो गई है। हालिया राजनीतिक संकट ने भारतीय व्यवसायों (COMPANIES) पर इसके प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। 2009 में शेख हसीना के सत्ता संभालने के बाद से बांग्लादेश भारत का एक प्रमुख सहयोगी रहा है। उनके जाने से क्षेत्र में व्यापार और आर्थिक स्थिरता के लिए जोखिम पैदा हो सकता है।

भारतीय कंपनियों (COMPANIES) को प्रभावित किया

बांग्लादेश में उथल-पुथल ने पहले ही कई भारतीय कंपनियों (COMPANIES) को प्रभावित किया है। विशेष रूप से वे कंपनियां जिनका देश में महत्वपूर्ण संचालन या बाजार में उपस्थिति है। इसका असर शेयर बाजार पर स्पष्ट दिखा क्योंकि बांग्लादेश से जुड़ी भारतीय कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सामना करना पड़ा।

मैरिको: सफोला खाद्य तेल के लिए मशहूर मैरिको के स्टॉक में 4% से अधिक की गिरावट आई। बांग्लादेश कंपनी के राजस्व में लगभग 11-12% का योगदान देता है। मौजूदा संकट वहां इसकी बिक्री को बाधित कर सकता है।

पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज: यह कंपनी, जो अपने राजस्व का लगभग 25% बांग्लादेश से प्राप्त करती है। अपने शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट दर्ज की है। अशांति के दौरान लगाए गए कर्फ्यू के कारण बांग्लादेश में इसकी सुविधाएं अस्थायी रूप से बंद हैं।

इमामी: इमामी के शेयर भी 4% से ज्यादा गिरे। कंपनी, जिसकी बांग्लादेश में महत्वपूर्ण उपस्थिति है। वहां अपने परिचालन में संभावित व्यवधानों का सामना करना पड़ रहा है।

भारतीय कंपनियां (COMPANIES) दबाव महसूस कर रही

बांग्लादेश में मौजूद कई अन्य भारतीय कंपनियां (COMPANIES) दबाव महसूस कर रही हैं। इनमें बायर कॉर्प, जीसीपीएल, ब्रिटानिया, विकास लाइफकेयर, डाबर, एशियन पेंट्स, पिडिलाइट, जुबिलेंट फूडवर्क्स और बजाज ऑटो शामिल हैं। अशांति विशेष रूप से ट्रेंट, पीडीएस और वीआईपी इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों के लिए चिंताजनक है। जो अपनी आपूर्ति श्रृंखला के हिस्से के रूप में बांग्लादेश पर निर्भर हैं। प्रभुदास लीलाधर के सलाहकार प्रमुख विक्रम कसाट ने कहा कि वीआईपी, इमामी, मैरिको, डाबर, एशियन पेंट्स, पिडिलाइट, टाटा मोटर्स और हीरो मोटोकॉर्प सहित भारतीय कॉरपोरेट्स के लिए संभावित जोखिम हैं।

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