Parental consent is required for children’s social media accounts:भारत में डिजिटल पर्सनल डेटा (Data) प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP) के तहत नए नियम लागू हो गए हैं। अब कंपनियों को डेटा (Data) लेने से पहले उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट रूप से बताना होगा कि डेटा (Data) क्यों लिया जा रहा है और इसका उपयोग कैसे होगा। साथ ही, 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया (Social Media) अकाउंट्स बनाने के लिए माता-पिता की सत्यापित सहमति अनिवार्य होगी। यह कदम बच्चों की ऑनलाइन गोपनीयता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
DPDP एक्ट के नए नियम: डेटा (Data) पर यूजर्स का नियंत्रण
डिजिटल पर्सनल डेटा (Data) प्रोटेक्शन एक्ट 2023 के नियमों को 2025 में अधिसूचित किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मंत्रालय (MeitY) के अनुसार, यह भारत का पहला व्यापक डेटा (Data) गोपनीयता कानून है। मुख्य प्रावधान:
- सहमति की पारदर्शिता: कंपनियां डेटा (Data) लेने से पहले उद्देश्य, प्रोसेसिंग और स्टोरेज की अवधि स्पष्ट करेंगी।
- डेटा डिलीट करने का अधिकार: उपयोगकर्ता अपने डेटा (Data) को कभी भी डिलीट करवा सकेंगे।
- विदेशी डेटा ट्रांसफर:डेटा (Data) को विदेश भेजने के लिए विशेष अनुमति जरूरी होगी।
- ये नियम ई-कॉमर्स, गेमिंग और सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म्स पर लागू होंगे, जिससे उपयोगकर्ताओं की निजता सुरक्षित रहेगी।
- बच्चों और दिव्यांगों के डेटा (Data) पर सख्त नियम
18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के डेटा (Data) को प्रोसेस करने के लिए माता-पिता की सत्यापित सहमति जरूरी होगी।
सोशल मीडिया अकाउंट्स: बच्चे सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म्स (जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक) पर अकाउंट तभी बना सकेंगे, जब पेरेंट्स की सहमति हो। सहमति की पुष्टि आधार या डिजिटल आईडी से होगी।
छूट के मामले: स्वास्थ्य, शिक्षा या आपातकालीन सुरक्षा में बिना सहमति के डेटा (Data) उपयोग हो सकेगा।
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए: कानूनी निर्णय लेने में असमर्थ व्यक्तियों के लिए संरक्षक की सहमति जरूरी।
सरकार का कहना है कि यह नियम साइबर बुलिंग, प्राइवेसी उल्लंघन और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करेंगे। उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर भारी जुर्माना लगेगा।
प्रक्रिया कैसे होगी? सवाल-जवाब में समझें
नए नियमों की प्रक्रिया को सरल और सख्त बनाया गया है। प्रमुख सवालों के जवाब:
- Q1: कंपनियां डेटा (Data) लेने से पहले क्या बताएंगी?
A: कंपनियां एक नोटिस देंगी, जिसमें डेटा (Data) का उद्देश्य, उपयोग, साझेदार पक्ष और उपयोगकर्ता के अधिकार शामिल होंगे। उपयोगकर्ता सहमति देने से मना कर सकते हैं। - Q2: बच्चों का सोशल मीडिया (Social Media) अकाउंट कैसे बनेगा?
A: साइन-अप पर पेरेंट्स को वेरिफिकेशन लिंक या कोड मिलेगा। पेरेंट्स को आधार जैसे आईडी से सत्यापन करना होगा। सहमति के बाद ही अकाउंट सक्रिय होगा। - Q3: डेटा (Data) के दुरुपयोग की स्थिति में क्या होगा?
A: उपयोगकर्ता डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड (DPCB) में शिकायत कर सकेंगे। बोर्ड जांच करेगा और जुर्माना लगाएगा। - Q4: नियम कब से लागू होंगे?
A: नवंबर 2025 से, लेकिन कंपनियों को 6 महीने का ट्रांजिशन पीरियड मिलेगा। - Q5: क्या सभी ऐप्स पर लागू होगा?
A: हां, सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर। छोटी कंपनियों को कुछ छूट मिल सकती है। - ये नियम डेटा (Data) सुरक्षा को बढ़ाएंगे और डिजिटल इंडिया को सुरक्षित बनाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया (Social Media) कंपनियों को अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा। अधिक जानकारी के लिए MeitY की वेबसाइट देखें।
