Commonwealth-ASEAN Summit 2025 : सतना की वसुंधरा ने बढ़ाया भारत का मान


Commonwealth-ASEAN Summit 2025 : सतना की वसुंधरा ने बढ़ाया भारत का मान – कॉमनवेल्थ,आसियान शिखर सम्मेलन 2025 मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में आयोजित हुआ। इस मंच पर कॉमनवेल्थ और आसियान देशों के नेता, नीतिनिर्माता, युवा प्रतिनिधि और परिवर्तनकर्ता एक साझा दृष्टि के तहत एकजुट हुए “सहयोग, नवाचार और सततता के माध्यम से साझा समृद्धि।” इस वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व मध्य प्रदेश के सतना जिले की वसुंधरा ने किया, जो भारत की युवा ऊर्जा, नेतृत्व और वैश्विक सहभागिता की सशक्त प्रतीक बनकर उभरीं।मलेशिया में आयोजित इस कॉन्सर्ट कॉमनवेल्थ–आसियान शिखर सम्मेलन 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व सतना की वसुंधरा ने किया। सम्मेलन में शिक्षा, तकनीक, व्यापार और सतत विकास पर वैश्विक नेताओं ने विचार साझा किए।

शिक्षा, तकनीक और व्यापार पर गहन विमर्श

सम्मेलन के दौरान शिक्षा, प्रौद्योगिकी, व्यापार, वित्त और सामाजिक-सांस्कृतिक विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने सतत विकास, तकनीकी नवाचार, और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के नए मार्ग सुझाए। इन सत्रों में भविष्य की दिशा तय करते हुए “विविधता में एकता” के भाव को विशेष रूप से रेखांकित किया गया।

भारत की डिजिटल प्रगति पर विशेष सत्र

इस अवसर पर महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद श्री मिलिंद देवड़ा से मुलाकात का अवसर वसुंधरा को मिला। श्री देवड़ा ने भारत की डेटा सुरक्षा, यूपीआई (UPI) की अभूतपूर्व वैश्विक सफलता और डिजिटल इंडिया की उपलब्धियों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे भारत तकनीक को सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम के रूप में उपयोग कर रहा है।

युवा सहयोग पर सार्थक चर्चा

वसुंधरा ने मलेशियाई संसद के उच्च सदन के सदस्य वाई.बी. सीनेटर दातो’ सिवाराज से भी विशेष भेंट की। दोनों के बीच युवा सहयोग, नेतृत्व विकास और क्षेत्रीय साझेदारी पर सार्थक विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान उन्होंने कहा “युवा ही भविष्य हैं, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से ही हम एक सतत और समावेशी विश्व का निर्माण कर सकते हैं।”

प्रेरक नेतृत्व से संवाद

सम्मेलन के दौरान वसुंधरा ने अनेक प्रतिष्ठित नेताओं और प्रतिनिधियों से विचार साझा किए, जिनमें शामिल रहे- निक चैम्बर्स, जोहारी जमालुद्दीन,बेथ बटन,मोहम्मद खोरशेद आलम खस्तगीर,अज़हर अबू तालिब,बर्नार्ड ओडुरो ताकी,दातुक नोर यहाती बिन्ती अवांग,शारमिन कौर,मुस्कान आनंद और कई अन्य। इन सभी संवादों ने “वसुधैव कुटुम्बकम् सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है” की भारतीय भावना को सशक्त रूप से प्रकट किया।

“विविधता ही हमारे भारत देश की सबसे बड़ी शक्ति है”

वसुंधरा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा – “इस मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात रही। यह अनुभव सीख, संवाद और एकता की भावना से परिपूर्ण रहा। विविधता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, जो हमें एक साझा, उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करती है।”

निष्कर्ष
कॉमनवेल्थ–आसियान शिखर सम्मेलन 2025 केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि संवाद, उद्देश्य और सहयोग का सजीव प्रतीक सिद्ध हुआ। यह आयोजन इस विश्वास को और दृढ़ करता है कि जब राष्ट्र नवाचार, शिक्षा, तकनीक और सतत विकास के लिए साथ आते हैं, तो समृद्धि साझा होती है सीमाएं नहीं।

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