Commission issued notice on inhumanity with a five year old child in school: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने रीवा शहर के ज्योति किंडरगार्टन स्कूल में एक 5 वर्षीय छात्र साथ हुए कथित अमानवीय व्यवहार पर प्रदेश सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आयोग ने 50 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति की अनुशंसा की है, साथ ही रीवा पुलिस अधीक्षक से 4 सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया है। बतादें कि बीते 18 जनवरी 2025 को कक्षा में अस्वस्थ होने के के कारण बालक ने स्वयं को गंदा कर लिया। आरोप है कि विद्यालय की अटेंडेंट ने न केवल उसे अपने ही कपड़ों से जबरन सफाई करवाने करवाने को मजबूर किया, बल्कि गीले कपड़ों में ही छोड़ दिया, जिससे वह बीमार पड़ गया। यह मामला भाजपा नेता गौरव तिवारी ने उठाया।
जिस पर आयोग ने कलेक्टर और एसपी से जवाब मांगा था। पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। इधर स्कूल प्रबंधन ने संबंधित अटेंडर की सेवा भी समाप्त कर दी है। साथ ही कक्षा की शिक्षिका को 6 माह के लिए निलंबित किया गया है। अब आयोग ने कहा कि यह घटना सिर्फ एक बच्चे के साथ नहीं, बल्कि बाल अधिकारों, गरिमा और शिक्षा के अधिकार के मूल्यों के साथ भी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण खिलवाड़ है। आयोग ने मुय सचिव से पूछा है कि पीड़ित बालक को 50 हजार रुपए का मुआवजा क्यों न अनुशंसा करें। इस पर सरकार के जवाब के बाद अगली कार्रवाई होगी।